महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने हाल ही में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है। यह इस्तीफा बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड के नाम सामने आने के बाद आया है। विपक्ष लगातार मुंडे पर निशाना साध रहा था, जिससे उन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया।
राजनीतिक घटनाक्रम और इस्तीफा
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार, देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ देर रात बैठक हुई। इसके बाद फडणवीस ने धनंजय मुंडे से इस्तीफा मांग लिया, जिसे उन्होंने सौंप दिया।
धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव क्यों था?
धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग विपक्ष लंबे समय से कर रहा था। संतोष देशमुख हत्याकांड में चार्जशीट का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वाल्मिक कराड के सहयोगियों को हत्या में शामिल दिखाया गया था। इस खुलासे के बाद मुंडे पर राजनीतिक दबाव और बढ़ गया।
फडणवीस की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “धनंजय मुंडे ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मैंने इसे स्वीकार कर लिया है और इसे राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को भेज दिया है।”
संतोष देशमुख हत्याकांड: मामला क्या है?
बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की 9 दिसंबर 2023 को हत्या कर दी गई थी। धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड ने जिले में एक ऊर्जा कंपनी अवाडा के भूमि अधिकरण अधिकारी से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। जब सरपंच संतोष देशमुख ने इस जबरन वसूली को रोकने की कोशिश की, तो कराड के सहयोगियों ने उन्हें अगवा कर लिया, प्रताड़ित किया और फिर उनकी हत्या कर दी।
राज्य अपराध जांच विभाग (CID) ने 27 फरवरी को बीड जिले की अदालत में इस हत्या और संबंधित मामलों में 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। बीड के केज पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए: सरपंच संतोष देशमुख की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने का प्रयास, फर्म के सुरक्षा गार्ड पर हमला। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत कठोर कार्रवाई की है। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है।
धनंजय मुंडे कौन हैं?
धनंजय मुंडे महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे और उन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे एनसीपी (अजीत पवार गुट) के विधायक हैं और परली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। धनंजय महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे के भाई पंडित अन्ना मुंडे के बेटे हैं। उन्होंने 2012 में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।
धनंजय मुंडे पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 2014 में पंकजा मुंडे के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि, वे चुनाव हार गए थे। लेकिन 2019 में उन्होंने फिर से पंकजा मुंडे के खिलाफ चुनाव लड़ा और इस बार जीत हासिल की।