सीनियर सपा नेता आजम खान आखिरकार 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। उनकी रिहाई मूल रूप से आज सुबह 9 बजे तय थी, लेकिन कानूनी प्रक्रिया में अचानक सामने आए पेंच के कारण इसे थोड़ी देर के लिए रोका गया। जेल सूत्रों के मुताबिक, जमानत मिलने के बावजूद आजम खान ने रामपुर में चल रहे एक केस का जुर्माना जमा नहीं कराया था, जिसकी वजह से उनकी रिहाई फिलहाल टल गई थी। हालांकि, अब सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और आजम खान जेल से बाहर आ गए हैं।
जेल के बाहर समर्थकों की भीड़
आजम के पुत्र अदीब आजम खान और उनके समर्थक सुबह से ही जेल के बाहर मौजूद थे। पुलिस और प्रशासन ने उन्हें सीधे जेल के सामने रुकने की अनुमति नहीं दी।
रिहाई में आई कानूनी अड़चन
सुबह 9 बजे की रिहाई के दौरान नया पेंच सामने आया। जुर्माने की रकम जमा करने के बाद रामपुर कोर्ट ने फैक्स के जरिए सूचना सीतापुर जेल भेजी, और इसके बाद आजम खान को रिहा किया गया। उनके ऊपर एक केस में दो धाराओं के तहत कुल 8 हजार रुपए का जुर्माना था।
समर्थकों में नाराजगी
आजम खान लंबे समय से जेल में थे और उनके समर्थक सपा प्रमुख अखिलेश यादव की इस मामले में गैर-ज़िम्मेदारी से नाराज़ दिखे। उनका मानना है कि अखिलेश यादव ने आजम को राहत दिलाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
आजम खान का राजनीतिक सफर
एक समय था जब आजम खान यूपी में सपा के ताकतवर नेताओं में से एक थे। मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान उनकी राजनीतिक पकड़ बहुत मजबूत थी। लेकिन बीजेपी की सरकार आने के बाद तमाम मामलों की वजह से उनका प्रभाव कम हुआ और वह जेल में बंद हो गए।
लंबे समय की कैद और भविष्य
आजम खान ने कई बार प्रयास किए, लेकिन उनकी रिहाई लंबे समय तक संभव नहीं हो सकी। अब जबकि रास्ता साफ हो गया है, जानकार मानते हैं कि जेल से बाहर उनका जीवन पहले जैसा आसान नहीं होगा।
बसपा में जाने की अफवाहें
सूत्रों की मानें तो आजम खान सपा और अखिलेश यादव की बेरुखी से नाराज़ होकर बसपा में शामिल हो सकते हैं। खबरों के अनुसार, 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती एक बड़ा सम्मेलन आयोजित कर रही हैं, और इसी दिन आजम खान बसपा में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।