समाजवादी पार्टी में आंतरिक कलह अभी खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ जहां परिवार की कलह लोगों के सामने आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अंदर भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। समाजवादी पार्टी की तेज तर्रार नेता पंखुड़ी पाठक ने सपा से इस्तीफा दे दिया है। इस बारे में खुद पंखुड़ी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी। पंखुड़ी ने अपने ट्वीट में कहा है कि अब उनका पार्टी के भीतर दम घुटता है। उन्होंने सपा पर अपने समाजवादी सिद्धांतों को छोड़ देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वहां रहने से दम घुटता है। उन्होंने कहा कि वो अपने स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकती इसलिए पार्टी से त्यागपत्र दे रही हैं। बता दें कि अभी हाल ही में मुलायम सिंह यादव ने भी अपना दुख जाहिर करते हुए कहा था कि अब उनका सम्मान कोई नहीं करता है जिसके वजह से पार्टी घिरी हुई नजर आई थी।

पंखुड़ी ने  कहा कि ना तो अब पार्टी में वह विचारधारा बची है और ना ही वह नेतृत्व जिससे प्रभावित होकर वह इस पार्टी से जुड़ी थीं। उन्होंने कहा कि मैंने 8 साल पहले विचारधारा और नेतृत्व से प्रभावित होकर सपा से जुड़ी थी, लेकिन वह अब इस पार्टी में मेरा दम घुटता है। नोएडा की रहने वाली पंखुरी पाठक ने ट्वीट करके कहा कि कभी जाति और कभी धर्म तो कभी लिंग को लेकर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं, यह असहनीय है, पर पार्टी नेतृत्व सबकुछ जानकर भी शांत रहता है। यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है। ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता करके पार्टी में बने रहना मुमकिन नहीं रह गया है।

बता दें कि लोगों में यह भी चर्चा है कि पार्टी की तरफ से सोमवार को टीवी चैनलों पर डिबेट के लिए पैनलिस्टों की जारी सूची में नाम नहीं होने से नाराज होकर पंखुड़ी ने यह कदम उठाया है।