मोदी सरकार में आरएसएस से जुड़े लोगों काफी तरजीह दी जा रही है। कुछ ही दिनों पहले संघ प्रचारक राकेश सिन्हा को राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनित किया गया। अब पेशे से चार्टेड अकाउंटेड, स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक और लंबे समय तक संघ से जुड़े रहने वाले स्वामीनाथन गुरुमूर्ति को भारतीय रिजर्व बैंक के डॉयरेक्टर बोर्ड में शामिल किया गया है। सरकार ने एस गुरुमूर्ति को भारतीय रिजर्व बैंक के नॉन ऑफिशियल और पार्ट टाइम डॉयरेक्टर के रूप में नियुक्त किया। अब स्वामिनाथन गुरुमूर्ति चार वर्षों तक नॉन अफीशियल डायरेक्टर पद पर बने रहेंगे। गुरुमूर्ति के साथ ही संघ से जुड़े सतीश काशीनाथ मराठे को भी आरबीआई के नॉन ऑफिशियल पार्ट टाईम डॉयरेटक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।
गुरुमूर्ति के आरबीआई बोर्ड में डॉयरेक्टर के रूप में नियुक्त होने के पीछे की वजह उनका राजनीतिक पकड़ और पहुंच है। वे एक चार्टेड अकाउंटेंट, अर्थशास्त्री और राजनीतिक और आर्थिक मामलों के टिप्पणीकार हैं। इसके साथ ही वो राष्ट्रीय सेवक संघ से जुड़े हुए हैं।
बीजेपी सरकार और पीएम मोदी के एक बड़े समर्थक के रूप में उनकी पहचान है। ऐसा कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से पहले स्वामिनाथन से सलाह ली थी। साथ ही वे अपने ट्वीटर अकाउंट पर अक्सर रिजर्व बैंक से जुड़ी नीतियों के बारे में लिखते रहते हैं। कार्ति चिदंबरम और एयरसेल मैक्सिस केस का खुलासा करने में भी इनकी अहम भूमिका थी। तमिलनाडु में ओ पन्नीरसेल्वम और ई पलानीस्वामी के धड़ों के बीच सुलह भी इन्होंने ही कराई थी। वहीं सतीश मराठे का बैंकिंग के क्षेत्र में एक लंबा अनुभव है। मराठे कॉपरेटिव सेक्टर में काम करते रहे हैं।
एपीएन ब्यूरो