बागेश्वर जिले के कपकोट में रातभर बरसात होने से कई गांव प्रभावित हुए हैं…लोगों की दुकानों, घरों, सड़कों और खेतों में जलभराव हो गया है…वहीं इस मामले में प्रशासन का कहना है कि रातभर कपकोट ब्लॉक में लगभग 277 एम.एम.बरसात हुई है…जिससे क्षेत्र में जलभराव हो गया है…तेज धार में बहे चार वाहनों को एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू कर लिया गया है…क्षेत्र के हालातों पर नजर रखी जा रही है…बेघरों को आशियाना दिया जा रहा है…लेकिन, जिले में अगर तेज बरसात यूं ही होती रही तो 2013 आपदा जैसे हालात हो जाएंगे…तस्वीरें बता रही हैं कि, भयंकर बारिश में बरसाती नदी भी बेहद तेज लहरों के साथ सब कुछ बहा ले जाने पर आमादा है….किनारे खड़े मकान कभी भी इसके शिकार हो सकते हैं…ऐसे में यहां रहने वालों लोगों में भय पसरा है…
लोगों की दुकानों, घरों, सड़कों और खेतों में जलभराव
नदी किनारे से गायब हो चुकी सड़क को जेसीबी से बहाल किये जाने की कवायद जारी है..एसडीएम रविन्द्र बिष्ट ने आपदा राहत के विशेष निर्देश दिए हैं…हर पल हालात पर नजर रखी जा रही है…पानी के तेज बहाव के चलते गाड़ियां मलबे में दब गईं और कुछ तो नदी में जा गिरी…कई ग्रामीण लिंक मोटर मार्ग बंद हो गए हैं…पूरे क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है…पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि उनका बहुत नुकसान हो गया है और ऐसे में सरकार ने उन्हें मदद करनी चाहिये…
एसडीआरएफ टीम चला रही रेस्क्यू अभियान
उत्तराखंड में मौसम के बिगड़े तेवरों से हर कोई परेशान है…ये तस्वीरें सूबे के कोपकोट इलाके की हैं…सूबे के पर्वतीय क्षेत्रों में जन-जीवन पटरी से उतर चुका है…मौसम की सर्वाधिक मार सड़कों पर पड़ी है…सड़कों पर मलबा आने से यात्रियों के लिये रास्ते तलाशना और अपनी मंजिल पर पहुंचना मुश्किल हो गया है…बीते एक सप्ताह से उत्तराखंड में 71 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं…बारिश से कुमाऊं के इलाकों में बड़ा नुकसान हुआ है…कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है…राज्य में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए सभी डीएम को सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रखने को कहा गया है…
भूस्खलन से सड़कें हुईं गायब
बारिश के साथ आए मलबे से कपकोट में 12 से अधिक सड़कें जबकि, कुमाऊं में करीब 34 सड़कें बंद हैं…बागेश्वर जिले के कपकोट-कर्मी मार्ग पर चार वाहन मलबे में दबकर बेरंग हो गए…तल्ला जोहार क्षेत्र में दर्जनों वाहन फंसे रहे और एक पैदल पुल भी बह गया…लगातार हो रही बारिश से अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, सरयू, गोरी और काली नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है…पिथौरागढ़ जिले में दो दर्जन मोटर मार्गों पर मलबा है जबकि, छह पुल बह चुके हैं…देहरादून जिले के जौनसार क्षेत्र की स्थिति भी अलग नहीं है…मंगलवार को चकराता हाईवे पर मलबा आने से चार स्थानों पर आवागमन बाधित हो गया…टिहरी में गंगोत्री हाईवे पर भी मलबा आने से यातायात बाधित रहा…वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल मौसम में परिवर्तन की की उम्मीद नहीं है…
भारी बारिश का खतरा, सतर्क रहने की जरूरत–मौसम विभाग
मौसम विज्ञान केंद्र ने आज देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी जबकि मंगलवार को कुमाऊं तथा चमोली, पौड़ी व रुद्रप्रयाग में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है…मौसम विज्ञान केंद्र ने इस दौरान पर्वतीय रूटों में यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है…ऐसे में आने वाले समय में देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी के साथ ही कुमाऊं में विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है…केदारनाथ को छोड़कर अन्य चारधाम मार्ग कई घंटों तक बंद रहे…उच्च हिमालयी क्षेत्र में खराब मौसम के चलते कैलास-मानसरोवर यात्रा के सातवें दल के 57 सदस्य तीसरे दिन भी गुंजी नहीं जा पाए…खराब मौसम के कारण यात्रियों को हेलीकॉप्टर से भेजा जाना संभव नहीं हो सका…
—ब्यूरो रिपोर्ट