राजस्थान में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने विवादित बयान दिया था। उन्होनें अपने विधानसभा क्षेत्र नाथद्वारा में एक सभा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उमा भारती की जाति और धर्म पर सवाल उठाते हुए दोनों पर निशाना साधा था।
जिसके बाद आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीपी जोशी के विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर सीपी जोशी को अपने बयान पर खेद जताने को कहा है।
#Breaking: जोशी के बयान पर राहुल ने दी नसीहत, राहुल गांधी ने कहा-सीपी जोशी को अपने बयान पर खेद जताना चाहिए #Congress #RahulGandhi
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 23, 2018
राहुल गांधी ने सीपी जोशी के बयान पर असहमति जताते हुए ट्वीट किया, ‘सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है। पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुःख पहुँचे। कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशीजी को जरूर गलती का अहसास होगा। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।’
सी पी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है। पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुःख पहुँचे।
कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशीजी को जरूर गलती का अहसास होगा। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 23, 2018
दरअसल गुरुवार को अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए सीपी जोशी ने कहा, ‘उमा भारतीजी की जाति मालूम है किसी को? ऋतंभरा की जाति मालूम है किसी को क्या? इस देश में धर्म के बारे में कोई जानता है तो पंडित जानते हैं। अजीब देश हो गया। इस देश में उमा भारती लोधी समाज की हैं, वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं। साध्वीजी किस धर्म की हैं? वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं। नरेंद्र मोदीजी किसी धर्म के हैं, हिन्दू धर्म की बात कर रहे हैं। 50 साल में इनकी अक्ल बाहर निकल गई।’
गौरतलब है कि सीपी जोशी यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास और परिवहन समेत अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं। उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। 2008 के विधानसभा चुनाव में जोशी नाथद्वारा सीट से केवल एक वोट से हार गए थे। इस हार को उनसे सीएम की कुर्सी छिनने के तौर पर देखा गया था। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर 7 दिसंबर को मतदान होगा, वहीं वोटों की गिनती 11 दिसंबर को की जाएगी।