P. V. Narasimha Rao: देश में जब भी आर्थिक सुधारों की बात की जाती है तो पीवी नरसिम्हा राव का नाम जरूर लिया जाता है। आज पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की जयंती है। जिसके चलते देश में कई जगहों पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ श्री पीवी नरसिम्हा राव जी का दूरदर्शी नेतृत्व और भारत के विकास के प्रति प्रतिबद्धता उल्लेखनीय थी। हम अपने राष्ट्र की प्रगति में उनके अमूल्य योगदान का सम्मान करते हैं।”

मुश्किल दौर में पीएम बने P. V. Narasimha Rao
बता दें कि जब पीवी नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री पद संभाला तो उस समय देश में केवल 2500 करोड़ रुपए का भंडार था, जो बमुश्किल 3 महीने तक चलता ,देश का सोना विदेशों में गिरवी रखा गया था। हालांकि पीवी नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कई आर्थिक सुधार किए, जिसमें लाइसेंस राज को समाप्त करना शामिल था।

काफी सोच-विचार के बाद पीएम पद के लिए नरसिम्हा राव का नाम आया था सामने
दरअसल, साल 1991 के मई में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। जिसके बाद राजनितिक गलियारों में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके पीवी नरसिम्हा राव का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चलने लगा। लेकिन सोनिया गांधी ने इंदिरा गांधी के पूर्व प्रधान सचिव रहे परमेश्वर नारायण हक्सर को 10 जनपथ बुलाया था और उनसे कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति के बारे में राय-मशवरा किया था। उस वक्त परमेश्वर नारायण हक्सर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तत्कालीन उपराष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा का नाम सुझाया था। लेकिन शंकर दयाल शर्मा ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद हुए विचार विर्मश में पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया।

नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की जोड़ी ने मिलकर किए कई सुधार
नरसिम्हा राव ने तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के साथ काम शुरू किया। ग्लोबल कंपनियों के लिए भारत का बाजार खोल दिया गया। जिसके बाद विदेशी कंपनियां देश आने लगीं। इससे न केवल औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिला, बल्कि लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए।

पीवी नरसिम्हा राव पर लगे कई घोटालों के भी आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव पर कई घोटालों के भी आरोप लगे। जैसे स्टॉक मार्केट स्कैम में घिरे हर्षद मेहता ने आरोप लगाया कि उन्होंने पीएम को 1 करोड़ की रिश्वत दी थी। सूटकेस घोटाले के नाम से भी जाने जाते इस स्कैम के बाद राव पर शक की कई अंगुलियां भी उठीं लेकिन सीबीआई ने जांच में इस आरोप को बेबुनियाद कहते हुए राव को क्लीन चिट दे दी थी। साल 1996 में तो एक के बाद एक कई घोटालों की बात चल पड़ी।

कांग्रेस पर लगे नरसिम्हा राव को महत्व न देने के आरोप
कहा जाता है कि देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने वाले राव को अपनी ही पार्टी में कोई खास तवज्जो नहीं मिली । जिसके चलते कांग्रेस पर अक्सर पीवी नरसिम्हा राव को महत्व नहीं देने के आरोप लगते रहे हैं। पीवी नरसिम्हा राव का दौर समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने उनसे किनारा कर लिया था, यहां तक कि उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस पार्टी मुख्यालय के भीतर तक नहीं रखा गया था। मानो 10 जनपथ के दरवाजे उनके लिए बंद हो गए हों।

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