President Election 2022: आगामी राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की तारीख तय हो गई है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और मतों की गिनती 21 जुलाई 2022 को होगी। दरअसल, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होगा। भारत के संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, अगले राष्ट्रपति का चुनाव कार्यकाल पूरा होने से पहले होना चाहिए।
बता दें कि राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? इसमें कौन-कौन वोट कर सकते हैं? क्या इसमें आम मतदाता भी भाग ले सकते हैं? मतगणना की प्रक्रिया क्या है? तो आइए यहां राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को विस्तार से बताते हैं:

President Election 2022: भारत में राष्ट्रपति चुनाव
भारत के राष्ट्रपति को देश के पहले नागरिक और राज्य के मुखिया के रूप में मान्यता प्राप्त है। राष्ट्रपति के चुनाव के प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 54 में निर्धारित हैं। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव single-transferable voting system से किया जाता है। इस प्रक्रिया में सरकार के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं जो राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में चुने जाने के बाद सरकार बनाते हैं। दोनों सदनों और राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने की अनुमति नहीं है।

President Election 2022: नामांकन की प्रक्रिया
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार के नामांकन में कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 निर्वाचकों को अनुमोदक के रूप में सदस्यता ली जानी चाहिए। प्रत्येक उम्मीदवार को भारतीय रिज़र्व बैंक में 15 हजार रुपये की सुरक्षा राशि जमा करनी होगी। यदि उम्मीदवार डाले गए मतों का छठा हिस्सा प्राप्त करने में विफल रहता है तो जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी।
कौन-कौन मतदान कर सकता है?
भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्य सभा के निर्वाचित सदस्यों के अलावा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भी मतदान प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। हालांकि, राज्यसभा,लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में सांसद और विधायक के वोट का मूल्य
प्रत्येक सांसद और विधायक के वोट का मूल्य उनके विधायी निकाय में सदस्यों की संख्या के अनुसार अलग-अलग होता है। इसके अलावा, प्रत्येक मतदाता अलग-अलग वोट डालता है। संसद सदस्यों द्वारा डाले गए वोटों की कुल संख्या राज्य के विधायकों द्वारा डाले गए वोटों की कुल संख्या के बराबर होती है। विधायक के वोट की कीमत का निर्धारण करने के लिए उस राज्य की कुल जनसंख्या से विधायक की संख्या का भाग देना होता है। उसके बाद उसमें 1000 से भाग करने पर सही मत मूल्य निकलता है।
मतगणना की प्रक्रिया क्या है?
राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में लोकसभा (543) और राज्यसभा (233) के कुल 776 सांसदों के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और पुडुचेरी के विधायक शामिल होते हैं। भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कुल वोटों की गणना उनके मूल्य के आधार पर की जाती है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग होती है। उत्तर प्रदेश के एक विधायक के पास सबसे अधिक मूल्य होता है, जिसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है।
14 वें राष्ट्रपति हैं राम नाथ कोविंद
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद एक भारतीय राजनेता हैं जो 25 जुलाई, 2017 से भारत के 14वें और वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में सेवा दे रहे हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के पहले व्यक्ति भी हैं जिन्होंने राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी है।
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