इतिहास गवाह है कि जहां-जहां लोकतंत्र आया है वहां-वहां सत्ता का बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। विश्व हिन्दू परिषद में भी यही देखने को मिला। विश्व हिंदू परिषद में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए पहली बार शनिवार को चुनाव हुआ। जिसमें लंबे समय से चला आ रहा प्रवीण तोगड़िया का दबदबा खत्म हो गया। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर एवं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सदाशिव कोकजे होंगे। पिछले 52 वर्षों के इतिहास में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चुनाव कराया गया था। बता दें कि वीएचपी की स्थापना 1964 में हुई थी।
गुरुग्राम में वीएचपी पदाधिकारियों के चुनाव में तोगड़िया के करीबी राघव रेड्डी को हार मिली है। कोकजे को 131 वोट मिले जबकि राघव रेड्डी को सिर्फ 60 ही वोट मिले। सिविल लाइंस स्थिति पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोट डाले गए। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े 192 सदस्यों ने वोट डाले। जिसमें से विष्णु कोकजे को 131 मत मिले। चुनाव परिणामों की घोषणा करते हुए विहिप के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि भीमराव अंबेडकर की जयंति पर लोकतंत्र की जीत हुई है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से विष्णु सदाशिव कोकजे अध्यक्ष पद पर चुने गए हैं।
बताया जाता है कि चुनाव कराना तब जरूरी हो गया जब संगठन के सदस्यों के बीच नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई। इस चुनाव के बाद वीएचपी में कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया की हैसियत कम होनी तय है। वीएचपी में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को परिषद के सदस्य मतदान की प्रक्रिया से चुनते हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का चयन निर्वाचित अध्यक्ष करता है। पिछले दो बार से अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुने जा रहे राघव रेड्डी अंतराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर प्रवीण तोगड़िया को बिठाते आ रहे हैं। अब राघव रेड्डी की हार के साथ ही प्रवीण तोगड़िया के युग का अंत हो गया है।