Pralhad Joshi: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) ने विवादास्पद रूप से दावा किया है कि “विदेशों में मेडिसिन की पढ़ाई करने वाले 90 प्रतिशत भारतीय भारत में क्वालिफाई एग्जाम पास करने में नाकाम रहते हैं”। संसदीय कार्य मंत्री Pralhad Joshi ने, हालांकि बताया कि “यह बहस करने का सही समय नहीं है कि छात्र मेडिसिन की पढ़ाई करने के लिए बाहर क्यों जा रहे हैं”। विदेश में मेडिसिन की डिग्री प्राप्त करने वालों को भारत में मेडिसिन प्रैक्टिस करने के लिए विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) उत्तीर्ण करनी होती है।
Pralhad Joshi ने क्या कहा?

प्रल्हाद जोशी की टिप्पणी तब आई है जब हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। जब से यूक्रेन पर रूस ने हमला बोला है तब से मदद की गुहार लगाते हुए, छात्रों के कई वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में छात्रों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्हें ट्रेनों में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि उनके साथ मारपीट की जा रही है और उन्हें ट्रेनों से बाहर निकाला जा रहा है।

यूक्रेन में कई छात्र शून्य से नीचे के तापमान में मीलों पैदल चलकर पड़ोसी देशों की सीमा पर पहुंच रहे हैं, उन्हें बिना भोजन या पानी के घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। कल कर्नाटक के एक 21 वर्षीय छात्र की खार्किव में रूसी गोलाबारी के दौरान मौत हो गई।
यूक्रेन से छात्रों को निकालने की धीमी रफ्तार को लेकर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है। हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने तर्क दिया कि छात्रों को सरकार द्वारा समय पर चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने यूक्रेन में रहना चुना।

कई लोगों ने छात्रों के बारे में भद्दी टिप्पणियां कीं । जबकि दूसरों ने तर्क दिया है कि भारत में सभी योग्य उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त चिकित्सा सीटें नहीं हैं। उन्होंने देश में खराब डॉक्टर-रोगी अनुपात का भी हवाला दिया।
इस बीच सरकार ने कहा है कि वह छात्रों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने कहा है कि 9000 से अधिक भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर लाया गया है।
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