चुनाव नजदीक है, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की डुगडुगी कभी भी बज सकती है। ऐसे में सियासी दंगल तेज हो गया है। चुनावी दंगल पर गाय का मुद्दा एक बार फिर गर्म है। मध्य प्रदेश के चुनाव में इस बार गोरक्षा का विषय एक सियासी मुद्दा बन चुका है। एक ओर जहां सत्ता में आने से पहले प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ऐलान किया है कि सरकार में आने के बाद वो प्रदेश भर में गोशालाओं का निर्माण कराएगी, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ बीजेपी ने अब गोरक्षा के लिए बाकायदा गो-मंत्रालय बनाने की बात कही है। मध्य प्रदेश के दो अलग-अलग कार्यक्रमों में सीएम शिवराज ने इसकी घोषणा भी की है।

मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौ-मंत्रालय बनाने का ऐलान किया है।  उन्होंने कहा कि अब गायों के लिए बोर्ड नहीं सीधा मंत्रालय बनेगा। पूरे राज्य  में जहां जमीन मिलेगी वहां गो अभ्यारण्य और गौशालाओं का जाल बिछाया जाएगा।  इसके अलावा सीएम ने ये भी कहा कि बीजेपी प्रदेश में कई गोशालाओं का निर्माण भी कराएगी। कांग्रेस के हमले के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।

कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी गोमाता को लेकर बातें तो बड़ी-बड़ी करती है, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं करती जबकि सैकड़ों पर गोमाता रोज मर रही हैं। हम गोमाता को तड़पते हुए नहीं देख सकते। गौ-संरक्षण के नाम पर कहीं कांग्रेस बाजी ना मार ले जाए, इससे पहले सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने गौ-मंत्रालय का दांव चल दिया है। लेकिन सवाल इस बात को लेकर है कि गौ-संरक्षण पर बड़े-बड़े दावे करने वाले राजनैतिक दल वाकई में गौ-संरक्षण के प्रति गंभीर हैं या चुनाव के बाद अन्य वादों की तरह इसे भी बिसार दिया जाएगा।

एपीएन ब्यूरो

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