प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अतिसंवेदनशील काशी विश्वनाथ मंदिर से महज कुछ कदम की दूरी पर जमीन के नीचे चोरी-छिपे और गुपचुप तरीके से मिनी शहर बस गया और स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। वाराणसी के दालमंडी इलाके में जमीन के नीचे बस रहे इस शहर का खुलासा उस समय हुआ जब एसएसपी आरके भारद्वाज सोमवार को आधी रात में गश्त पर निकलें। इस जगह को देख एसएसपी ने स्थानीय पुलिस को फटकारते हुए पूरे इलाके की रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने को कहा।
बता दें कि एसएसपी आरके भारद्वाज दालमंडी इलाके से अतिक्रमण हटाने के बाबत पूर्व में दिए निर्देश के क्रम में निरीक्षण के लिए निकले। निरीक्षण के दौरान चौक थाने के बगल से दालमंडी में प्रवेश करने पर लंगड़ा हाफिज मस्जिद के सामने एक कटरे के बेसमेंट में रोशनी दिखाई दी। पता चला कि बेसमेंट में काम चल रहा है। पुराने मकान में बेसमेंट के निर्माण की जानकारी मिलने पर पार्किंग की व्यवस्था देखने के लिए एसएसपी ने कटरे में प्रवेश किए।
एसएसपी के साथ ही चौक पुलिस भी उस वक्त सकते में आ गई जब उन्होंने देखा कि कटरे का मुहाना दालमंडी से शुरू हुआ और बेनिया पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाकर समाप्त हुआ। एसएसपी बेसमेंट में घुसे और अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए। बेसमेंट में लगभग 40 बिस्वा में अंदर एक के बाद एक कई कटरे बने थे। इसके बाद एसएसपी ने आसपास के अन्य कटरों की छानबीन शुरू की। जैसे-जैसे पड़ताल बढ़ती गई पुलिस की हैरानी भी बढ़ती गई। वहां मौजूद दर्जनों कटरे के नीचे एक नया बाजार बनाया जा रहा है। आलम यह कि मस्जिद के आसपास भी खुदाई कर बेसमेंट में कटरा बनाया जा रहा था। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से इस मिनी शहर की तैयारी थी।
आरके भारद्वाज ने बताया कि ये स्थिति बहुत ही खतरनाक थी कि दालमंडी में गुपचुप तरीके से बड़े पैमाने पर धरती के नीचे पूरा बाजार तैयार किया जा रहा। वीडीए व नगर निगम के अधिकारियों से वार्ता कर उन्हें पत्र भी लिखा गया है। पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करेगी। वहीं हैरान करने वाली बात ये भी है कि हमेशा से आतंकी निशाने पर काशी विश्वनाथ मंदिर के इतनी नजदीक जमीन के नीचे दिन-रात काम लगा था और विकास प्राधिकरण, नगर निगम समेत जिला प्रशासन व पुलिस महकमे को भनक तक नहीं लगी। इस मामले के सामने आने से पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में खुफिया तंत्र की विफलता भी सामने आई है।