प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम, नई दिल्ली में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया। यह महोत्सव 9 जनवरी तक चलेगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से केंद्र सरकार ग्रामीण भारत की सेवा में पूरी ईमानदारी से लगी हुई है। उन्होंने कहा, “जब इरादे नेक होते हैं, तो नतीजे भी संतोषजनक होते हैं।”
‘गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया’
पीएम मोदी ने ग्रामीण विकास को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि गांव के लोग सशक्त बनें और उन्हें गांव में ही बेहतर अवसर मिलें। उन्हें पलायन के लिए मजबूर न होना पड़े। ग्रामीणों का जीवन सरल और गरिमापूर्ण बनाने के लिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया है।”
‘सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा दे रहे हैं’
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण भारत के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “हमारी सरकार ने गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। हाल ही में कैबिनेट ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ को एक और वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। DAP की कीमतें वैश्विक स्तर पर बढ़ रही हैं, लेकिन हमने किसानों पर बोझ नहीं पड़ने दिया और सब्सिडी बढ़ाकर कीमतें स्थिर रखी हैं। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।”
‘जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने सम्मान दिया’
पीएम मोदी ने पारंपरिक कला और कौशल से जुड़े ग्रामीण कामगारों का जिक्र करते हुए कहा, “गांवों में पारंपरिक कला और कौशल से जुड़े लोगों का ग्रामीण और स्थानीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है, लेकिन इन्हें पहले उपेक्षित किया गया। हमारी सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के जरिए इन लाखों कारीगरों को सशक्त बनाया है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पहले की सरकारों ने एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग की जरूरतों को अनदेखा किया, जिससे गांवों में गरीबी और पलायन बढ़ा। उन्होंने कहा, “जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने सम्मान दिया है। दशकों से विकास से वंचित इलाकों को अब बराबरी का हक मिल रहा है।” इस महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण भारत के विकास और उनकी आवश्यकताओं पर चर्चा होगी, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।