इंग्लैंड के कॉर्नवेल में इस समय G-7 सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं के बीच शिखर-स्तरीय बैठक चल रही है। इस बीच भारत ने शनिवार को कोरोना काल से जुड़े प्रौद्योगिकियों पर ट्रिप्स (ट्रेड रिलेटेड एस्पेक्टस ऑफ इनटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स) छूट के लिए G-7 समूह से समर्थन मांगा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संवाद में वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार को लेकर सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता जतायी।
बता दें कि, कोविड से संबंधित सभी प्रौद्योगिकियों के लिए ट्रिप्स छूट के प्रस्ताव को विभिन्न रूपों में समर्थन मिला है। वहीं सूत्रों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया और अन्य लोग इसके समर्थन में दृढ़ता से सामने आए हैं, तो वहीं अमेरिका ने वैक्सीन प्रौद्योगिकी पर बौद्धिक संपदा अधिकारों की छूट के लिए समर्थन की घोषणा की है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कोरोनो महामारी से ग्लोबल रिकवरी और भविष्य की महामारी को रोकने के लिए वैश्विक एकजुटता, तालमेल और नेतृत्व का आह्वान भी किया। पीएम मोदी ने इस मुश्किल समय से निपटने के लिए लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने G7 शिखर सम्मेलन के ‘बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर – हेल्थ’ नाम के पहले आउटरीच सत्र में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान जारी कर बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार को लेकर सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कोरोना संबंधी प्रौद्योगिकियों पर ट्रिप्स के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा विश्व व्यापार संगठन (WTO) में दिए गए प्रस्ताव पर जी-7 के समर्थन का भी अनुरोध किया।
जी-7 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लेते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने संदेश देते हुए कहा कि, आज की बैठक से पूरी दुनिया के लिए “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का संदेश जाना चाहिए।
भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने G-7 शिखर सम्मेलन में वैक्सीन शेयरिंग ऐलान का स्वागत किया है, हालांकि यह भी कहा कि हमें और अधिक की आवश्यकता है, और हमें उसमे तेजी लाने की जरुरत है।