अपने चार देशों के दौरे में पीएम मोदी अब जर्मनी पहुंच गए हैं। जर्मनी के इस दौरे में मोदी कारोबारी रिश्तों को बेहतर बनाने और जी-20 में जर्मनी के द्वारा चीन को छोड़ अपने पाले में लाने की कोशिश करेंगे। इसके साथ जलवायु परिवर्तन को लेकर जर्मनी से बातचीत करना इस दौरे का एक अहम पड़ाव होगा। जर्मनी में पीएम ने डिनर पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से मुलाक़ात की है। जर्मनी पहुंचते ही पीएम ने ट्वीट किया कि “जर्मनी पहुंच गया हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह दौरा भारत के लिए लाभदायक होगा और भारत-जर्मनी के रिश्तों को मजबूत करेगा।”
Reached Germany. I am sure this visit will lead to beneficial outcomes & deepen India-Germany friendship. pic.twitter.com/RdYLWUYeMn
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2017
Had a very good interaction with Chancellor Merkel. pic.twitter.com/5SQb5l205M
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2017
माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीति और जलवायु परिवर्तन पर रुख से खफा जर्मनी ने अब भारत के करीब आने का मन बना लिया है। मोदी से अनौपचारिक मुलाकात के बाद जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल अब एशिया को लेकर अपने विजन को पेश कर सकती हैं। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद से यूरोपीय देशों के साथ तनाव बढ़ा है, जिसका फायदा भारत समेत पूरे एशिया को मिल सकता है।
आपको बता दूँ कि विदेश मंत्रालय ने आलीशान महल के बाग में दोनों नेताओं के आपस में बातचीत के दौरान ली गई तस्वीरें डालते हुए लिखा है- ‘एक सार्थक भागीदारी का बंधन।’ वहीं चांसलर मर्केल ने निजी रात्रिभोज से पहले श्लॉस मीजबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवानी की। जर्मनी के ब्रैडेनबर्ग जिले में स्थित 18वीं सदी के महल ‘श्लॉस मीजबर्ग’ के बाग में खिली धूप में दोनों नेता साथ में टहले। बैठक ‘श्लॉस मीजबर्ग’ की आगंतुक पुस्तिका में पीएम मोदी के हस्ताक्षर करने के साथ शुरू हुई। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘चांसलर मर्केल के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई।’ बैठक को एक बेहद अनौपचारिक मामला बताया गया। पीएम मोदी के दो दिन के जर्मनी के दौरे के औपचारिक कार्यक्रम कल से शुरू होंगे।
भारत के हिसाब से जर्मन निवेशकों को आकर्षित करने का बेहतरीन मौका है क्योंकि अमेरिका से दूर होने के बाद जर्मनी को भारत जैसे भागीदारों की जरूरत है। ऐसे में मोदी के पास अपनी मेक इन इंडिया डिप्लोमेसी को साकार करने का शानदार मौका है। दिलचस्प बात यह है कि जहां पीएम मोदी अमेरिका के खिलाफ बने वैश्विक माहौल का फायदा उठाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं वहीं जर्मन चांसलर भारत के साथ ही चीन के भी करीब आने की जुगत में हैं। क्योंकि इस समय चीनी पीएम ली केचियांग भी जर्मनी पहुंचे हुए है और मर्केल ने मोदी से पहले चीनी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।