पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं और इस बार उनके हाथों एक ऐतिहासिक उपलब्धि का उद्घाटन होने जा रहा है। जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन का लोकार्पण और दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल का उद्घाटन आज के कार्यक्रम की खास बातें हैं। वर्षों पुराना सपना आज साकार हो रहा है, जिसे भारतीय इंजीनियरों की मेहनत और पीएम मोदी की इच्छाशक्ति ने साकार कर दिखाया।
सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, इसके साथ ही इसी मार्ग पर बने अंजी ब्रिज का भी लोकार्पण किया जाएगा। इसके बाद वे कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन को रवाना करेंगे, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी अब महज 3 घंटे में तय की जा सकेगी।
आज के कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:
- चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन
- भारत के पहले केबल स्टे रेल ब्रिज ‘अंजी पुल’ का लोकार्पण
- कटरा से श्रीनगर तक पूरी रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित
- वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी
- 46,000 करोड़ रुपये की आधारभूत परियोजनाओं का उद्घाटन
इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना:
चिनाब और अंजी पुल न केवल देश के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए इंजीनियरिंग का एक बेजोड़ उदाहरण बनकर सामने आए हैं। ये दोनों पुल पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित हैं और कश्मीर घाटी को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएंगे।
चिनाब ब्रिज की खास बातें:
1.3 किलोमीटर लंबा और 359 मीटर ऊंचा
एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा
260 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेलने की क्षमता
25,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल
जोन-5 के भूकंपीय क्षेत्र में भी पूरी तरह सुरक्षित
अंजी ब्रिज की विशेषताएं:
- भारत का पहला केबल-स्टे तकनीक पर आधारित रेलवे पुल
- कुल लंबाई 725.5 मीटर, ऊंचाई 193 मीटर
- 96 मजबूत केबल्स का उपयोग
- 4000 टन तक भार सहने की क्षमता
पीएम मोदी का संदेश:
अपने उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “6 जून जम्मू-कश्मीर के मेरे प्यारे भाई-बहनों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज 46,000 करोड़ रुपये की अहम परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है जो यहां के लोगों के जीवन में बड़े बदलाव लाएंगी। चिनाब ब्रिज जहां एक अद्वितीय इंजीनियरिंग की उपलब्धि है, वहीं अंजी ब्रिज दुर्गम इलाके में भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण है। यह परियोजना न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, बल्कि आध्यात्मिक पर्यटन और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करेगी।”
कश्मीर अब पूरे साल रेल से जुड़ेगा:
अब तक श्रीनगर तक पहुंचने का एकमात्र ज़रिया नेशनल हाईवे-44 था, जो सर्दियों में बर्फबारी के चलते बंद हो जाता था। लेकिन चिनाब ब्रिज और यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट के पूरा होने से अब पूरे साल घाटी रेलवे से जुड़ी रहेगी, जो न केवल सुरक्षा के लिहाज से अहम है, बल्कि आर्थिक और पर्यटन गतिविधियों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगी। इस ऐतिहासिक दिन पर भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि चाहे कितना भी कठिन भूगोल क्यों न हो, हमारे सपनों को पंख देने से कोई नहीं रोक सकता।