PM Modi in Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली की पूर्व संध्या दीपोत्सव में भाग लेने के लिए प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या पहुंचे। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम का हैलीपैड पर स्वागत किया। अयोध्या पहुंचने पर पीएम मोदी ने सबसे पहले रामलला विराजमान की पूजा-अर्चना की। उसके बाद वे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पहुंचे और वहां से वे दीपोत्सव में भाग लेने आयोजित कार्यक्रम में गए। उन्होंने यहां भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि श्री रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक यह सौभाग्य राम जी की कृपा से ही मिलता है।

PM Modi in Ayodhya: अयोध्या की कण-कण में हैं राम-पीएम मोदी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श व मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं। राम के अभिषेक के साथ ही उनका दिखाया गया पथ और प्रदीप्त हो उठता है। अयोध्य की तो रज-रज में कण-कण में श्रीराम का दर्शन समाहित है। उन्होंने कहा ” मैं प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि से सभी देशवासियों को आज छोटी दीपावली के पर्व पर कल के दीपावली की भी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”

श्री राम के आदर्श देते हैं हौसला-पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार दीपावली एक ऐसे समय में आई है, जब हमने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं, हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजादी के इस अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार भी हैं।
पीएम ने आगे कहा कि अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की आकांक्षा लिए आगे बढ़ रहे हम हिंदुस्तानियों के लिए श्री राम के आदर्श उस प्रकाश स्तंभ की तरह है, जो हमें कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का हौसला देंगे।
श्री राम से ज्यादा से ज्यादे सीखें-पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंच प्राणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी हुई है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य। आज अयोध्या नगरी में दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है। श्री राम से जितना सीख सके उतना सीखना है। उन्होंने कहा कि
भगवान राम मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी सिखाती है और मर्यादा जिस बोध की आग्रही होती है, वो बोध कर्तव्य ही है।
अपने संबोधन के बाद पीएम मोदी सरयू नदी के घाट पर देर शाम आरती में शामिल हुए। उन्होंने सरयू नदी की आरती उतारी। मौके पर उन्होंने कहा कि आज अयोध्या नगरी भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है। हमने त्रेता की उस अयोध्या के दर्शन नहीं किए लेकिन प्रभु राम के आशीर्वाद से आज अमृत काल में अमर अयोध्या की अलोकिकता के साक्षी बन रहे हैं।
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