प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 32वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश को संबोधित किया। ‘मन की बात’ का यह संस्करण काफी महत्वपूर्ण रहा। केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद यह ‘मन की बात’ का पहला संस्करण था। इस बार पीएम मोदी के मन की बात का दूरदर्शन पर जो प्रसारण हुआ उसमें संस्कृत सबटाइटल्स भी थे। इस बात की जानकारी दूरदर्शन की डीजी सुप्रीया साहू ने खुद ट्वीट कर दी है।
शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में पीएम के ‘मन की बात’ से संबंधित दों किताबें ‘ए सोशल रिवोल्युशन ऑन रेडियो’ और ‘मार्चिंग विद ए बिलियन- एनालाइजिंग नरेन्द्र मोदी गवर्नमेंट एट मिडटर्म’ का विमोचन भी किया गया। इन दोनों किताबों की पहली प्रति राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंपी गई। प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी लोगों से संवाद का सशक्त जरिया बताया है।
जानें पीएम की ‘मन की बात’-
-सभी को रमजान की मुबारकबाद। रमजान का पवित्र महीना शांति और एकता को बढ़ावा देगा।
-हम सवा सौ करोड़ देशवासी इस बात का गर्व कर सकते हैं कि दुनिया के सभी सम्प्रदाय इस देश में रहते हैं।
-हर प्रकार की विचारधारा और परंपरा वाले भी यहां साथ रहते हैं। हम लोगों में एक साथ जीने की कला है।
-मुझे बहुत खुश हुई कि हमारे युवा देश के इतिहास और महापुरुषों के बारे में जानने की रुचि रखते हैं।
-आज वीर सवारकर जी की जयंती है। मैं देश के युवा पीढ़ी से कहना चाहूँगा कि कभी मौका मिले तो अंडमान में सेल्युलर जेल जाकर जरूर देखें।
-5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। महात्मा गांधी कहते थे कि हम जो दुनिया नहीं देखेंगे हमें उसकी चिंता भी करनी चाहिए।
-तनावमुक्त जीवन के लिए योग करना चाहिए। योग सिर्फ व्यायाम नहीं है। अभी दो दिन पहले ही योग दिवस को लेकर विश्व की सभी सरकारों को चिट्ठी लिखी है।
-कुछ लोगों का सुझाव आया है कि इस बार एक ही परिवार की तीनों पीढ़ियां एक साथ योग करें और उसकी तस्वीर शेयर करें।
-मैं इस सुझाव के लिए धन्यवाद करता हूं। आप नरेंद्र मोदी ऐप और MyGov ऐप पर इन फोटो को शेयर कर सकते हैं। 1 जून से ट्विटर पर योग से संबंधित बातें और ये तस्वीरें शेयर की जाएंगी।