कैसा रहा साल 2020: वक्त की दीवार से एक-एक ईट गिर रही है। आने वाले समय में दीवार के उस पार नया साल होगा। नए साल का आगाज होगा। साल 2020 तस्वीरों, किताबों और यादों के पन्नों में कैद हो जाएगा। इस साल काफी कुछ ऐसा हुआ जिसे हम तस्वीरों में देखकर याद करते रहेंगे। लॉकडाउन के समय की वो सुनसान गलियां सड़कों पर चिलचिलाती धूप में नंगे पैर चल रहे मजदूर और भी बहुत कुछ।
साल 2020 के एल्बम से देखिए कुछ देखी-अनदेखी तस्वीरें जिसने इतिहास बनाया साथ ही इतिहास दोहराया।
लॉकडाउन
उसने शहर का शहर बसाया
जब वक्त ने उससे आशियाना छीन लिया तो
उसको किसी ने नहीं अपनाया
ये सभी तस्वीरे उस वक्त की हैं जब भारत में 24 मार्च को 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। सभी लोग कोरोना के डर से अपने घरों में बैठे थे। ये मजदूर सड़कों पर नंगे पैर अपनों से मिलने के लिए घर की तरफ निकल गए थे।

वक्त के पहिए का पीछा करता हुआ बेरोजगार मजदूर, घर की याद में और कोरोना से बचने के लिए दौड़ता हुआ मजदूर। बिना किसी सरकारी सुविधा के घर की तरफ जाते हुए मजदूर।

कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ लिए, हाथ में फर्ज को थामें, वहां के लिए निकल गए हैं, जहां से कभी बड़ी शान से कहकर निकले थे, “जा रहे हैं कमाने”

लॉकडाउन में राजधानी की सड़कों पर बचपन खो सा गया है। गौर से देखिए मेरी इन तस्वीरों को हाथ में खिलौना लेनी की उम्र में, गृहस्थी लेकर निकल पड़े हैं।

मेरे शहर का बटवारा हुआ, किसी ने घर चुना किसी ने गृहस्थी चुनी मैंने अपनी खुशियों की कश्ती चुनी।

खौफ ना चिलचिलाती धूप का है, ना बदलते वक्त के रूप का है, ये खौफ तो अपनों से बिछड़ने का है।
संसद का भूमिपूजन

नई नवेली संसद भवन का भूमिपूजन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। संसद भवन की सालगिराह पर इस तस्वीर को याद किया जाएगा।

तस्वीर बेहद अलग है। भूमिपूजन में बैठे सभी पंड़ित कर्नाटक के हैं। साथ ही कोरोना के नियमों का पालन करते हुए बनने वाली नई संसद का आगाज कर रहे हैं पीएम मोदी।

भूमिपूजन की खास बात ये है कि यहां पर सभी धर्म के लोग मौजूद हैं। संसद की पहली ईट रखते समय सभी धर्म के लोगों ने प्रार्थना गाई थी।

ये सुंदर तस्वीर जिसमें साफ तौर पर सभी धर्मों का संगम दिख रहा है। सब का साथ सबका विकास का नारा यहां फिट बैठ रहा है।

भूमिपूजन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश मौजुद रहे।
कोरोना ने दुनिया बदल दी

कोरोना ने अपनों को अपने से दूर किया। पर प्यार कम नहीं हुआ है। ये तस्वीर न्यूयॉर्क में प्लास्टिक शीट में अपनी दादी मैरी ग्रेस सीलियो से गले मिलते ओलिविया ग्रांट (दाएं), अमरीका में महीनों बाद सुरक्षित तरीके से लोगों को गले मिलने की अनुमति मिली है।

अमरीका के ब्रुकलिन के डोमिनो पार्क में घास पर सर्कल बनाए गए हैं जिसमें वो पिकनिक मना सकते हैं और धूप सकते हैं ताकि लोग दूर-दूर रह सकें।

के-पॉप, इंडी और क्लासिकल समेत तीन दिन का संगीत का कॉन्सर्ट हुआ जो लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हुआ इसमें लोगों ने अपनी कार में बैठे-बैठे संगीत का लुत्फ लिया और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया।

कोरोना में कामकाज करने का तरिका भी बदल गया है। दक्षिण अफ़्रीका के जोहांसबर्ग में प्लास्टिक के क्यूबिकल्स बनाए गए जहां 30 करोड़ फूलों के तनों की नीलामी हुई और उन्हें बेचा गया।

2020 के एल्बम की ये आखिरी तस्वीर है। जो साबित करती है कोरोना के बाद दुनिया कितना बदल गई है।