PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 5 साल के प्रतिबंध के आदेश के बाद, मोदी सरकार ने बुधवार को कट्टरपंथी संगठन की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल को भी ब्लॉक कर दिया गया है। अब इस संगठन की फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब हैंडल सहित सभी वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट और पीएफआई की किसी भी सोशल मीडिया पर उपस्थिति नहीं है। बता दें कि बुधवार को सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर कई हिंसक और आतंकी घटनाओं में शामिल होने और ISIS जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ ‘लिंक’ होने के आरोप के बीच प्रतिबंध लगा दिया।
इन संगठनों को किया गया बैन
पीएफआई के अलावा, जिन संगठनों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत प्रतिबंधित घोषित किया गया था, उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वुमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं। पीएफआई से कथित रूप से जुड़े 150 से अधिक लोगों को मंगलवार को सात राज्यों में छापेमारी में हिरासत में लिया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात एक अधिसूचना में कहा कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ उनका संबंध हैं। जेएमबी और सिमी दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं। इसने कहा कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं।
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