उत्तर प्रदेश में अमेठी के शिवरतनगंज क्षेत्र में मनचले की हरकतों से पेरशान एक परिवार न्याय की आस में पुलिस की चौखट पर क्या पहुंचा कि नाराज पंचायत ने पीड़ित परिवार का हुक्का पानी बंद करने का तुगलकी फरमान सुना डाला। पंचायत का फरमान है कि जिस किसी ने भी इस परिवार से ताल्लुक रखा उसे 15 हज़ार रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा।

दरअसल, क्षेत्र में एक मनचले ने आठ जून की सुबह शौच को निकली युवती के साथ छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया। मामला पुलिस के पास जाता कि उससे पहले आरोपी को बचाने के लिए पंचायत बैठने लगी थी। अंत में मामला पुलिस के पास पहुंचा और पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ़्तार कर जेल भेजा। जहां आरोपी अब ज़मानत पर रिहा होकर बाहर आया है।

वहीं पीड़ित महिला कलावती सिंह का कहना है कि गाँव के क्षत्रिय समाज के लोगों ने फैसला लिया कि जो भी हमारे परिवार से मतलब रखेगा उसको 15 हजार रुपये जुर्माना देने पड़ेंगे। इसलिए गाँव का एक भी आदमी हम लोगों से कोई मतलब नही रखता है और गाँव मे जो भी दुकाने है कोई हमे सामान भी नही देता है। काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है घर में जो है वही हम लोग खा पी रहे है। बाकी गाँव में जो भी दुकाने है वहाँ से हमें सामान नही मिल रहा है।

ग्रामीण बताते है कि प्रधान ने पंचायत में फैसला लिया है। इस महिला ने फर्जी तरीके से गाँव के ही लड़के को लड़की से छेड़छाड़ के मामले में मुकदमा दर्ज करा के जेल भेजा था। इसलिए हम लोगों ने इसका बहिष्कार किया है और गाँव का एक भी आदमी इनसे बात नही करेगा। जब उनसे पूछा गया कि महिला आरोप लगा रही जो भी परिवार हम लोगों से मतलब रखेगा उसको 15 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा तो प्रधान ने बताया केवल बहिष्कार किया गया है किसी के ऊपर जुर्माना नही लगाया गया है। इस बीच अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दुबे ने कहा कि इस मामले में उनको कोई जानकारी नही है जबकि पीड़ित महिला ने बताया है कि दो दिन पहले उसने गौरीगंज जा कर अपर पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी।

हैरान की बात यह है कि पंचायत के फैसले से हतप्रभ पीड़ित परिवार ने अपर पुलिस अधीक्षक से प्रकरण की शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन जब उनसे कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्रकरण के संज्ञान में न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।

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