पाकिस्तान की सेना ने शनिवार को कहा कि वह भारत से युद्ध के लिए तैयार है, लेकिन अपने लोगों के हित में वह शांति की राह चुनेगी। पाकिस्तानी सेना का यह बयान भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की टिप्पणी का जवाब माना जा रहा है। भारत के सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि भारतीय सैनिकों की बर्बर हत्या के बदले कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। बता दें कि पाकिस्तान की सेना भले ही युद्ध लड़ने जैसी बात कर रही हो, लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इस समय सही नहीं है। पाकिस्तान पर मौजूदा समय में 28 हजार अरब रुपये के कर्ज का बोझ है।
दरअसल, पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता संभालने के बाद मितव्ययिता कदमों, कर्ज लेने की जगह कर सुधारों पर काम करने और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था, ‘‘पाकिस्तान के इतिहास में हमने इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों का सामना कभी नहीं किया। हम 28 हजार अरब रुपये के कर्ज के बोझ में डूबे हैं। अपने समूचे इतिहास में हम इतने ऋणग्रस्त कभी नहीं रहे, जितना पिछले 10 वर्षों में हो गए हैं।
पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा है कि आतंकवाद से लड़ने का देश का लंबा रिकॉर्ड रहा है और हम अमन-चैन की कीमत जानते हैं। गफूर ने कहा, ‘‘भारत ने पहले भी हम पर एक मृत सैनिक के शव को क्षत-विक्षत करने का ठीकरा फोड़ा है। हम एक पेशेवर सेना हैं। हम ऐसी हरकतें कभी नहीं करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जंग के लिए तैयार हैं, लेकिन पाकिस्तान, पड़ोसियों और क्षेत्र के लोगों के हित में अमन-चैन की राह पर चलना पसंद करते हैं।’’
वहीं इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ के एक जवान और तीन पुलिसकर्मियों की हाल में की गई जघन्य हत्या पर टिप्पणी करते हुए जनरल रावत ने शनिवार को ही जयपुर में कहा था कि भारतीय सैनिकों के खिलाफ आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना की बर्बरता का बदला लेने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है।