ऑपरेशन सिंदूर के बाद झुका पाकिस्तान, अपने कब्जे से लौटाया भारतीय जवान पीके साहू

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद झुका पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद झुका पाकिस्तान

भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने बैकफुट पर आते हुए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान पूर्णम कुमार साहू को रिहा कर दिया है। लगभग 20 दिनों तक पाकिस्तानी हिरासत में रहने के बाद साहू मंगलवार को अमृतसर के अटारी बॉर्डर से भारत लौटे। उनकी वापसी ने न केवल उनके परिवार को राहत दी, बल्कि देशभर में एक सुकून भरी लहर भी दौड़ा दी।

40 वर्षीय साहू पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। 23 अप्रैल को, खेतों के पास तैनाती के दौरान वह एक पेड़ के नीचे आराम करने गए और अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए। उन्हें वर्दी और हथियार के साथ पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। उसी दिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।

भारत ने तुरंत इस पर कड़ा रुख अपनाया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए आतंक के खिलाफ अपनी निर्णायक नीति स्पष्ट कर दी। इस दबाव के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार सुबह लगभग 10:30 बजे साहू को अटारी बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। बीएसएफ ने इसे शांति और तय प्रोटोकॉल के तहत हुआ हैंडओवर बताया।

पूर्णम साहू का परिवार पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा में रहता है। उनकी गैरमौजूदगी में परिवार बेहद तनाव में था। सात साल का बेटा रोज़ अपने पिता के लौटने की बात करता और मां का चेहरा हर दिन उम्मीद और चिंता के बीच झूलता रहा। अब जब साहू सुरक्षित घर लौट आए हैं, पूरे परिवार ने राहत की गहरी सांस ली है।

भारत-पाक सीमा की 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी BSF करती है और ऐसे घटनाएं जब कोई जवान गलती से सीमा पार कर लेता है, पहले भी हो चुकी हैं। पर इस बार देश की सख्त प्रतिक्रिया और ऑपरेशन सिंदूर के चलते पाकिस्तान ने मामले को जल्दी सुलझाने में दिलचस्पी दिखाई।

इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत अपने हर जवान के पीछे मजबूती से खड़ा है — और दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब देना जानता है।