पाकिस्तान का विरोध भारत के लिए इतना बढ़ गया है कि वो अपने बच्चों को भारत के लिए भड़का रहा है। भड़काने के लिए वो अपने से रची मनगढ़त इतिहास पढ़ा रहा है। जी हां, पाकिस्तान में 10वीं की इतिहास टेक्स्टबुक में लिखा है कि हिंदू ही 1947 बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे। उनकी किताबों में लिखा है कि हिंदू ठग हैं और हिंदुओं ने मुसलमानों को मारा और उन्हें अलग देश बनाने के लिए विवश किया। ऐसे मनगढ़त तथ्यों को पढ़ाकर पाकिस्तान सरकार और प्रशासन पाकिस्तानी बच्चों के प्रति भारत की नकारात्मक छवि पेश कर रहा है ताकि भविष्य में दोनों देश की दूरियां और बढ़ें।
ऐसे तथ्य लगभग सभी कक्षाओं की किताबों में देखने को मिल जाएंगे। पाकिस्तान का मनगढ़त इतिहास सिर्फ यहीं तक नहीं रूकता। उसमें महात्मा गांधी का देश के आजादी में किए गए प्रयासों को नकार दिया गया है। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों को भुला दिया गया है। उनकी किताबों में लिखा है कि मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के आत्मसम्मान के लिए लड़ाई लड़ी और पाकिस्तान ने आजादी की लड़ाई अंग्रेजों से जीती।
ऐसे में भारत को यह उम्मीद करना छोड़ देना चाहिए कि पाकिस्तान से उसके रिश्ते कभी सुधर सकते हैं बल्कि आने वाले भविष्य में रिश्तें और खराब जरूर हो सकते हैं। जब वहां के बच्चों को बचपन से शिक्षा ही भारत विरोधी दी जा रही है तो आने वाले भविष्य में वो भारत के खिलाफ किस तरह की रणनीति बनाएंगे, जाहिर है अच्छी तो नहीं बनाएंगे।