P Gopinathan Nair: गांधीवादी विचारक और स्वतंत्रता सेनानी पी गोपीनाथन नायर का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और आखिरकार मंगलवार को उन्होंने अपनी अंतिम सांसें ली। केरल के नेय्याट्टिनकरा के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। परिवार ने खुद इस दुखद घटना की खबर दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है और शोक संत्पत परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

P Gopinathan Nair: पीएम ने जताया दुख
पद्मश्री पी गोपीनाथन नायर के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट कर शोक जताया है। पीएम ने कहा “श्री पी. गोपीनाथन नायर को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और गांधीवादी सिद्धांतों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा। मैं उनके निधन से आहत हूं और उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।”
P Gopinathan Nair: केरल के राज्यपाल ने जताया शोक
केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने गोपीनाथन नायर की मृत्यु पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले गांधीवादी श्री पी. गोपीनाथन नायर के दुखद निधन पर संवेदना है। उन्होंने शांति और अहिंसक कार्रवाई में सामाजिक और आध्यात्मिक नेतृत्व वाले लोगों को प्रेरित किया।’
P Gopinathan Nair: कॉलेज के दिनों से ही स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया
7 जुलाई, 1922 को नेय्याट्टिनकरा में जन्मे नायर ने अपने कॉलेज के दिनों में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेकर अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी। उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के लिए जेल में भी डाला गया था। जवानी के दिनों से ही वो महात्मा गांधी के प्रशंसक और अनुयायी थे। उन्होंने गांधीवादी विचारधारा के लिए देशभर में यात्राएं की थी।
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