लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सोमवार को प्रश्नकाल बाधित रहा और जबरदस्त शोर शराबे के बीच अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को महज 15 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने सदन के आठ पूर्व सदस्यों के निधन की सूचना दी और सदन में दो मिनट के लिए उनके सम्मान में मौन रखा गया।
उसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की गयी तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि उन्होंने स्थगन प्रस्ताव दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद उन्हें बोलने का मौका दिया जाएगा। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य सदन के बीचों बीच आकर ‘मोदी हटाओ, सीबीआई का दुरुपयोग बंद करो’ जैसे नारे लगाते हुए हंगामा करने लगे। कांग्रेस के सदस्य पहले अपनी सीटों पर खड़े होकर राफेल मुद्दे को लेकर तख्तियां दिखाते हुए नारे लगाने लगे और फिर आसन के सामने आ गये। राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य भी सदन के बीचों बीच आकर नारेबाजी करने लगे।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि जो भी दल बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं से कार्रवाई कराई जा रही है। आरजेडी के जयप्रकाश यादव और एनसीपी की सुप्रिया सुले ने भी सीबीआई की कार्रवाई पर अपने दल की ओर से आपत्ति दर्ज कराई। टीएमसी के सांसद सदन के भीतर इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा कर रहे हैं।
खड़गे बोले, विपक्ष को खत्म करना चाहती है बीजेपी
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह सरकार सीबीआई के हथियार बनाकर सभी विपक्षी नेताओं को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे दबाने की कोशिश हो रही है। बीजेपी अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। सीबीआई की कार्रवाई कानून के खिलाफ है और ऐसा बंगाल ही नहीं उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सभी जगह हो रहा है। खड़गे ने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से हम डरने वाले नहीं हैं बल्कि और मजबूती के साथ एकजुट होकर खड़े होंगे. बीजेडी सांसद भर्तृहरी महताब ने कहा कि बीती रात जिस तरह से सीबीआई कार्रवाई हुई वह निंदनीय है। पिछले 2-3 महीने से सीबीआई लगातार विवादों में है।
गृहमंत्री राजनाथ बोले-CBI पर ऐसी कार्रवाई कभी नहीं हुई
लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीबीआई मुद्दे पर कहा कि कल कोलकाता में सीबीआई अधिकारियों को उनकी ड्यूटी करने से रोका गया और ऐसी घटना देश के इतिहास में कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि चिटफंड घोटाले के आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और इसी वजह से सीबीआई को कमिश्नर के घर जाना पड़ा। इस घोटाले में कई नामचीन और राजनीतिक लोगों के होने का पता चला है।
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— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) February 4, 2019