कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी गलती थी, जिसकी कीमत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। चिदंबरम हिमाचल प्रदेश के कसौली में आयोजित खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल में बोल रहे थे।
चिदंबरम ने कहा, “स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने और गिरफ्तार करने का कोई और तरीका भी हो सकता था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार निश्चित रूप से गलत कदम था। मैं मानता हूं कि श्रीमती इंदिरा गांधी को उस गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ी। हालांकि यह केवल उनका निर्णय नहीं था, बल्कि सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सिविल सेवा — सभी का सामूहिक फैसला था, इसलिए दोष अकेले इंदिरा गांधी पर नहीं डाला जा सकता।”
“सेना का अनादर नहीं, पर तरीका गलत था”
पूर्व गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनका किसी भी सैन्य अधिकारी के प्रति कोई अनादर नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि स्वर्ण मंदिर को वापस हासिल करने का जो तरीका अपनाया गया, वह उचित नहीं था। उन्होंने कहा, “सेना को इस कार्रवाई से दूर रखा जाना चाहिए था। बाद के वर्षों में हमने देखा कि स्वर्ण मंदिर को बिना सैन्य दखल के भी वापस प्राप्त करने का सही तरीका संभव था।”
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपने इस फैसले की भारी कीमत चुकाई, लेकिन यह कार्रवाई केवल उनकी नहीं, बल्कि कई विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी थी।
“पंजाब की असली चुनौती आर्थिक है, न कि अलगाव”
चिदंबरम ने आगे कहा कि आज पंजाब की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद या अलगाववाद नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिति है। उन्होंने कहा, “मैंने जब-जब पंजाब का दौरा किया, मुझे यह स्पष्ट रूप से महसूस हुआ कि खालिस्तान का मुद्दा अब लगभग समाप्त हो चुका है। राज्य की वास्तविक समस्या उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था है, जिसे लेकर सरकार को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।”