One Nation One Legislative Platform: प्रधानमंत्री ने बुधवार को ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म’ की चर्चा की। उन्होंने कहा कि मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म’ का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरूरी technological boost दे, बल्कि देश की सभी लोकतान्त्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे।
पीएम ने कहा कि हमारे कानूनों में व्यापकता तभी आएगी जब उनका जनता के हितों में सीधा जुड़ाव होगा। इसके लिए सदन में सार्थक चर्चा और परिचर्चा बहुत जरूरी है। सदन में युवा सदस्यों को, आकांक्षी क्षेत्रों से आने वाले जनप्रतिनिधियों को, महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए।
अगले 25 वर्ष, भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण- PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्ष, भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।इसमें हम एक ही मंत्र को चरितार्थ कर सकते हैं क्या – कर्तव्य, कर्तव्य, कर्तव्य। उन्होंने कहा कि हम Quality Debate के लिए भी अलग से समय निर्धारित करने के बारे में सोच सकते हैं क्या? ऐसी डिबेट जिसमें मर्यादा का, गंभीरता का पूरी तरह से पालन हो, कोई किसी पर राजनीतिक छींटाकशी ना करे।एक तरह से वो सदन का सबसे Healthy समय हो, Healthy Day हो।
क्या साल में 3-4 दिन सदन में ऐसे रखे जा सकते हैं जिसमें समाज के लिए कुछ विशेष कर रहे जनप्रतिनिधि अपना अनुभव बताएं, अपने समाज जीवन के इस पक्ष के बारे में भी देश को बताएं।आप देखिएगा, इससे दूसरे जनप्रतिनिधियों के साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी कितना कुछ सीखने को मिलेगा।
हमारे सदन की परम्पराएँ और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हों- PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सदन की परम्पराएँ और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हों,हमारी नीतियाँ, हमारे कानून भारतीयता के भाव को, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को मजबूत करने वाले हों,सबसे महत्वपूर्ण, सदन में हमारा खुद का भी आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के हिसाब से हो। ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
भारत के लिए लोकतन्त्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है:PM
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लिए लोकतन्त्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है। लोकतन्त्र तो भारत का स्वभाव है, भारत की सहज प्रकृति है। हमें आने वाले वर्षों में, देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं।ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे। और लोकतन्त्र में, भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम ‘सबका प्रयास’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।