देश भर में फैलते लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकारें अब सख्त रवैया अपनाने लगी हैं। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद की रोक के लिए बने कानून के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाया है। मध्य प्रदेश में इस कानून को शिवराज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नए कानून के तहत धर्म परिवर्तन कराकर जो भी मौलाना, मौलवी, पादरी या पुजारी शादी कराएंगे, वे भी सजा के हकदार होंगे। इस कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस तरह की शादियों को प्रोत्साहित करने वाले संगठनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जबरदस्ती कराई गई इस तरह की शादी शून्य हो जाएगी। इस तरह की शादी के शून्य घोषित हो जाने के बावजूद मां और उसकी यदि कोई संतान होगी तो वह भी पैतृक संपत्ति में हकदार मानी जाएगी।
मध्य प्रदेश के नए कानून में 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी। अपराध गैर जमानती होगी।
माता-पिता, भाई-बहन की शिकायत के अलावा न्यायालय की अनुमति से मत परिवर्तित व्यक्ति से संबंधित (रक्त, विवाह, दत्तक ग्रहण, अभिरक्षा में हो) व्यक्ति की शिकायत पर जांच होगी। विवाह शून्य होने की स्थिति में महिला और उसके बच्चों को भरण पोषण का हक मिलेगा। किसी भी व्यक्ति के अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक से पांच साल का कारावास एवं कम से कम 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने का प्रविधान रखा गया है।
अपना मत छुपाकर अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन से दस साल का कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा मिलेगी। मतांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह से पैदा हुए बच्चों को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रहेगा।
इस विधेयक के साथ ही धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 1968 निरस्त माना जाएगा। इसके तहत कोई भी, जो किसी को बहला-फुसलाकर, जबरदस्ती या नशे की हालत में धर्म परिवर्तन कराकर शादी करेगा, वह सजा का हकदार हो जाएगा। विधानसभा के 28 दिसंबर से शुरू हो रहे सत्र में विधेयक पेश किया जाना है। मध्य प्रदेश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस पहले ही इस बिल का विरोध कर चुकी है। क्या विधानसभा में यह बिल पारित हो जाने की पूरी संभावना है क्योंकि प्रदेश में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है।

क्या होता है लव जिहाद ....
लव जिहाद या जिहाद, कथित रूप से मुस्लिम पुरुषों द्वारा गैर-मुस्लिम समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए लक्षित करके प्रेम का ढोंग रचना है। यह अवधारणा 2009 में भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार केरल और उसके बाद कर्नाटक में राष्ट्रीय ध्यानाकर्षण की ओर बढ़ी। यह शब्द भारत के सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है किन्तु कथित रूप से इसी तरह की गतिविधियाँ यूके आदि देशों में भी हुई हैं।
केरल हाईकोर्ट के द्वारा दिए एक फैसले में लव जेहाद को सत्य पाया है। नवंबर 2009 में, पुलिस महानिदेशक जैकब पुन्नोज ने कहा कि कोई भी ऐसा संगठन नहीं है जिसके सदस्य केरल में लड़कियों को मुस्लिम बनाने के इरादे से प्यार करते थे। दिसंबर 2009 में, न्यायमूर्ति के.टी. शंकरन ने पुन्नोज की रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और निष्कर्ष निकाला कि जबरदस्ती धर्मांतरण के संकेत हैं। अदालत ने “लव जिहाद” मामलों में दो अभियुक्तों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में इस तरह के 3,000-4,000 सामने आये थे।
कर्नाटक सरकार ने 2010 में कहा था कि हालांकि कई महिलाओं ने इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया है। 2017 में, केरल उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में लव जिहाद के आधार पर एक मुस्लिम पुरुष से हिंदू महिला के विवाह को अमान्य घोषित किया। तब मुस्लिम पति द्वारा भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक अपील दायर की गई थी, जहां अदालत ने लव जिहाद के पैटर्न की स्थापना के लिए सभी समान मामलों की जांच करने के लिए एनआईए को निर्देश दिया।

लव जिहाद की यह अवधारणा पहली बार 2009 में केरल और कर्नाटक में व्यापक धर्मांतरण के दावों के साथ भारत में राष्ट्रीय स्तर पर सुर्ख़ियों में आई। लेकिन ऐसे दावे बाद में पूरे भारत, पाकिस्तान और यूनाइटेड किंगडम में फैल गए। 2009, 2010, 2011 और 2014 में भारत में लव जिहाद के आरोपों ने विभिन्न हिन्दू, सिख और ईसाई संगठनों में चिंता जताई जबकि मुस्लिम संगठनों ने आरोपों से इनकार किया। यह अवधारणा कई लोगों के लिए राजनीतिक विवाद और सामाजिक चिंता का स्रोत बनी हुई है। इसी के मद्देनजर अब सरकारें इसे लेकर कानून बना रहीं हैं।