दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विधानसभा के विशेष सत्र में अनुपस्थिति का मामला सोमवार को न्यायालय पहुंच गया। दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और करावल नगर से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कपिल मिश्रा ने इस मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। न्यायालय ने मिश्रा को इस मामले पर याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। उम्मीद है कि न्यायालय इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई कर सकता है।
आप के बागी विधायक का आरोप है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री की मौजूदगी दस प्रतिशत भी नहीं है। न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद मिश्रा ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया है कि केजरीवाल को निर्देश दिया जाये कि वे विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मौजूद रहें। इसके अलावा न्यायालय उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से भी मुख्यमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य बनाने को कहे।
PIL filed in Delhi High Court -
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 11, 2018
1. Delhi CMKejriwal should be directed to attend Assembly
2. 75% attendance should be mandatory for all MLAs
3. "No Work - No Pay" for MLAs, Ministers & Chief Minister with less than 50%@AshwiniBJP @AdvAshwaniDubey @ippatel
मिश्रा ने अपनी याचिका में कहा है, कि सभी विधायकों की विधानसभा में 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य बनाया जाए। विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की 50 प्रतिशत से कम हाजिरी पर “काम नहीं वेतन नहीं” का फार्मूला लागू किया जाये। बागी विधायक का कहना है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया तो मुख्यमंत्री को वहां उपस्थित रहना चाहिए, भले ही वह मात्र दो घंटे आए। उन्होंने मुख्यमंत्री की सदन में गैर हाजिरी को उन मतदाताओं का अपमान भी बताया जिन्होंने वोट देकर उन्हें चुना है।