बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि मैं ‘मूर्ख’ नहीं हूँ जो खुद को पीएम पद का दावेदार मानूं। एक लोकसंवाद कार्यक्रम में मीडिया को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एक छोटी पार्टी है और हमारा पहला काम है बिहार की जनता की सेवा करना जो हम कर रहे हैं। नीतीश ने कहा, ‘मुझे मालूम है, मुझमें वैसी क्षमताएं नहीं हैं। मैं एक छोटी पार्टी का नेता हूं और मुझमें राष्ट्रीय महत्वकांक्षाएं नहीं हैं।‘
पीएम मोदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी में क्षमता थी इसके कारण ही उन्हें जनसमर्थन मिला। पांच साल पहले किसने सोचा था कि मोदी प्रधानमंत्री होंगे। लेकिन जनता को उनमें क्षमता दिखी और आज वह प्रधानमंत्री हैं। जिसमें क्षमता होगी वह 2019 में भी आगे आ जाएगा।
बिहार भाजपा और सुशील मोदी द्वारा लालू यादव पर लगाए गए आरोपों पर नीतीश ने दो टूक कहा कि ‘लालू यादव परिवार पर बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। लालू जी इसका जवाब भी दे चुके हैं। अगर किसी के पास कोई तथ्य है तो उन्हें कोर्ट में जाना चाहिए, ना कि बार बार मीडिया में आकर बयान देना चाहिए।’
राष्ट्रपति चुनावों पर बोलते हुए नीतीश ने कहा कि अच्छा होता कि सभी दल मिलकर सर्वसम्मति से राष्ट्रपति का चुनाव कर लेते। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दुबारा उम्मीदवारी पर भी सहमति जताई। उन्होंने कहा ‘हम तो यही चाहेंगे कि प्रणव मुखर्जी फिर से देश के राष्ट्रपति बनें और इस पद के चुनाव के लिए आम सहमति से ही निर्णय लेना चाहिए।’