राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुजरात के राजकोट जिले में पुलिस हिरासत के दौरान 17 वर्षीय किशोर के साथ की गई कथित पिटाई के मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए गुजरात पुलिस प्रमुख (DGP) को नोटिस जारी किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से खुला मामला
आयोग ने कहा कि यह घटना उस समय सामने आई जब 6 अक्टूबर को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पुलिस अधिकारियों को नाबालिग से दुर्व्यवहार करते हुए देखा गया।
आयोग ने कहा — “मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन”
NHRC ने अपने बयान में कहा, “अगर मीडिया में प्रकाशित खबरें सही हैं, तो यह पीड़ित के मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का मामला है।” आयोग ने गुजरात के पुलिस महानिदेशक से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है, जिसमें यह बताया जाए कि घटना की जांच किस स्तर पर है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
घटना की पृष्ठभूमि
रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला 1 सितंबर की रात का है, जब गांधीग्राम थाना पुलिस ने 17 वर्षीय युवक को चाकूबाजी की एक घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया था। अगले दिन नाबालिग को किशोर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे किशोर सुधार गृह (Juvenile Home) भेजा गया। लगभग दो हफ्ते बाद, उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
वीडियो में दिखी अमानवीय हरकत
7 अक्टूबर को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि वायरल वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को नाबालिग के सिर के बाल खींचते हुए देखा जा सकता है, जबकि अन्य अधिकारी पास में हंसते हुए दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा कर दिया और स्थानीय मानवाधिकार संगठनों ने तुरंत कार्रवाई की मांग की।
NHRC की भूमिका और अपेक्षित कार्रवाई
आयोग ने कहा कि इस तरह की घटनाएं कानून व्यवस्था में जनता के विश्वास को कमजोर करती हैं। NHRC ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि पीड़ित किशोर को उचित मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान की जाए।
यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो आयोग संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है।