केरल में ऐसी हालत पिछल सौ सालों में देखने को नहीं मिली थी। केरल में हर तरफ पानी ही पानी है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दस दिन पहले जो बारिश ने जो कहर बरपाना शुरु किया, वह थमने का नाम नहीं ले रही। हर ओर तबाही नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि 1924 के बाद पहली बार राज्य में ऐसे हालात पैदा हुए हैं । कई शहरों में पानी भर गया है और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. कई जगहों पर तो लोग अपने घरों की छत पर कैद होकर रह गए हैं. इस बीच मौसम विभाग की चेतावनी ने बाढ़ से बिगड़ते हालात को लेकर चिता और बढ़ा दी है। मौसम विभाग की मानें तो बाढ़ से जूझ रहे केरल को अभी किसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
अभी तक सवा तीन सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और ढाई लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में सिर छिपाने को मजबूर हैं। केरल में सिर्फ़ एक ज़िले को छोड़कर पूरे राज्य में हाइ अलर्ट है। हालात का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि अब तक कितना नुकसान हुआ है। इसे लेकर सरकार के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है। दरअसल ज़्यादातर जगहों पर तबाही इतनी ज़्यादा है कि उसे लेकर सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।
जगह जगह लोगों को पीने के लिए पानी तक की परेशानी हो रही है। कई जगह सड़कें कट कर गायब हो गई हैं. भूस्खलन से सड़कें टूट गई हैं.और उनमें वाहन धंस गए हैं. बहुत से लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था वास्तव करने में राज्य सरकार को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
बचाव और राहत के काम में सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।.बचाव कार्य में नौसेना की 46, एयरफोर्स की 13 और सेना की 18 टीमों को लगाया गया है।इसके अलावा कोस्ट गार्ड की 16 और एनडीआरएफ की 21 टीमें दिन-रात बचाव और राहत के काम में जुटी है ।
इस बीच मौसम विभाग की चेतावनी ने बाढ़ से बिगड़ते हालात को लेकर चिता और बढ़ा दी है.मौसम विभाग की मानें तो बाढ़ से जूझ रहे केरल को अभी किसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.मौसम विभाग ने इस सप्ताह के आखिर में तेज बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है।मौसम विभाक के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून इस सप्ताह के आखिर में तमिलनाडु और कर्नाटक के साथ ही केरल में भी खूब बरसेगा।
एपीएन ब्यूरो