21 फरवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार से दो सदस्यों का नाम हटाने को लेकर शुरू हुआ विरोध अब एक अलग ही मोड़ ले चुका है। दरअसल इस सेमिनार में जेएनयू में पिछले वर्ष हुए राष्ट्र विरोधी प्रदर्शन के आरोपी उमर खालिद और सेहला रशीद को आमंत्रित किया गया था इन दोनों के आने का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने विरोध किया। जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने सेमिनार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए इनका नाम कार्यक्रम से हटा दिया। नाम हटाने के विरोध में नारेबाजी कर रहे छात्रों के एक गुट से डीयू के एबीवीपी के सदस्यों की झड़प हुई। इस विरोध और आरोप-प्रत्यारोप के बाद ही शुरुआत हुई सोशल मीडिया कैंपेन की जिसका नाम दिया गया #स्टूडेंट्सअंगेस्टएबीवीपी। इसे शुरू करने वाली लेडी श्रीराम कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स की छात्रा गुरमेहर कौर, जो सेना के शहीद जवान की बेटी भी है। अपने इस अभियान में उन्होंने एक पोस्ट अपने फेसबुक पेज पर डाला। जिसमें उनके हाथ में कुछ तख्तियां दिख रही थी जिनपर लिखा गया था कि मै एबीवीपी का विरोध करती हूँ,मैं इनसे नहीं डरती और इसमें मेरे साथ पूरे देश के छात्र हैं ।
गुरमेहर के इस सोशल मीडिया कैम्पेन को हाथों हाथ लिया गया और यह वीडियो वायरल हो गया इसके बाद हजारों की संख्या में छात्र इससे जुड़ने लगे और इनका विरोध प्रदर्शन तेज़ होता चला गया। इस कार्यक्रम को समर्थन मिलने के बाद काफी लोग इसके विरोध में भी खड़े हो गए और इसे राष्ट्रविरोधी तक बता दिया गया। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब गुरमेहर को बलात्कार की धमकी देने की खबर आई।(हालांकि इस बारे में कोई पुष्टि या खबर नहीं है कि यह धमकी कब किसने और किस माध्यम से दी है)
इसके बाद प्रबल हुए विरोध में कई नामचीन व्यक्ति अपने-अपने हिसाब से इसमें शामिल हो गए। इस मामले में वीरेंदर सहवाग,रणदीप हुड्डा,बरखा दत्त से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल,गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कूद पड़े हैं। गुरमेहर की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने धमकी देने वालों के गिरफ्तारी की मांग और सुरक्षा देने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था जिसके बाद गुरमोहर को पुलिस सुरक्षा दे दी गई है।
गुरमेहर कौर पर तंज कसते हुए कल वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि मैंने नहीं मेरे बल्ले ने दो बार तिहरा शतक लगाया है
आज गुरमेहर ने खुद को इस कार्यक्रम से दूर करने का ऐलान कर दिया और कहा मुझे जो कहना था मै कह चुकी हूँ और अब मुझे इन सब से दूर रहने दो आप सभी को शुभकामनायें।
इस कार्यक्रम के बाद उठ रहे विरोध और समर्थन के सुर ने नेताओं को राजनीति करने का एक और मौका दे दिया है। इसी क्रम में आज जदयू के नेता के सी त्यागी,डी राजा,सीताराम येचुरी जैसे बड़े नेता आज प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। एबीवीपी ने आज के प्रदर्शन से पहले तिरंगा यात्रा निकाला था जिसमे बड़ी संख्या में छात्र और अन्य लोग शामिल हुए थे। वामपंथी छात्र संगठनों के आज के प्रदर्शन के विरोध में एबीवीपी और डूसू 2 मार्च को प्रदर्शन करेंगे। दोनों में से कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में विरोध प्रदर्शन और आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर कब तक चलेगा कहना मुश्किल है। बहरहाल सवाल बहुत है लेकिन फ़िलहाल इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है एबीवीपी ने भी अपनी तरफ से एक पत्र के माध्यम से स्पष्टीकरण देते हुए दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग की है।