कहते हैं कि अगर देश को किसी भी क्षेत्र में विकास करना है तो उस क्षेत्र में तकनीकी विकास का होना बहुत आवश्यक है। कुछ ऐसा ही विकास कार्य आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों ने कर दिखाया है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में किसानों की समस्या का निवारण करते हुए एक ऐसा यंत्र बनाया है जिससे अब किसानों को रातभर जगकर अपनों फसलों और खेतों की रखवाली नहीं करनी होगी। जी हां, आईआईटी मद्रास के द रूरल टेक्रोलॉजी एक्शन ग्रुप फॉर तमिलनाडु के शोधकर्ताओं ने ऐसा संवेदी यंत्र विकसित किया है जो किसानों को खेत में जानवर के आने या होने की सूचना देगा। इस उपकरण को रवि खत्री और एस.सरथ नामक दो छात्रों ने मिलकर बनाया है।
इस यंत्र में अलार्म व बल्ब लगे होंगे जैसे ही कोई जानवर इस यंत्र के करीब आएगा यह बजने व जलने लगेगा जिससे जानवर भयभीत होकर भाग जाएंगे। साथ ही अलॉर्म की आवाज से किसान को भी सूचना मिल जाएगा कि कोई जानवर उसके खेत में आ गया है। इस यंत्र में दो सेंसर लगे हैं और इसको खेत से 10 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
जैसा कि हमें पता है कि किस तरह हमारे देश के किसान दिन-रात जागकर फसलों की सुरक्षा करते हैं कि ताकि कोई नीलगाय,जंगली सूअर,बैल आदि आकर उनकी मेहनत पर पानी न फैर जाए। लेकिन अब इस यंत्र से उनको रातभर जगना नहीं पड़ेगा। साथ ही हमारे किसानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है किसी भी तकनीक को इस्तेमाल करने के लिए उसमें व्यय धन और तकनीकी परेशानियां। इसलिए इसका लागत किसानों के आय के मुफीद रखने की कोशिश की गई है।
जानकारी के मुताबिक, इस यंत्र को बैटरी से चलाया जाता है लेकिन इसको सौर उर्जा से चलाए जाने पर काम चल रहा है। इसका रखरखाव भी काफी आसान है और कोई जानवर इसे छू भी नहीं सकता क्योंकि उससे पहले ही ये बज उठेगा। इस यंत्र के प्रोटोटाइप का परीक्षण आईआईटी मद्रास के परिसर में हिरणों की उपस्थिति को जांचने के लिए किया जा रहा है, जिसके बाद इसे अगस्त महीने में लांच किया जाएगा।