NCRB Crime Report: भारत में अपराध के ताजा आंकड़े आ गए हैं। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने राज्यों से मिले आंकड़ो के आधार पर 2022 की रिपोर्ट बनाई है। देश में प्रति लाख आबादी पर क्राइम में कमी तो आई है पर साइबर क्राइम खूब बढ़ गया है। 2021 में जहां देशभर में 60.9 लाख आपराधिक मामले दर्ज हुए थे वहीं 2022 में यह आंकड़ा 58.2 लाख रहा है। 2021 के मुकाबले, 2022 में साइबर अपराध के मामलों में 24.4% की बढ़त दर्ज की गई है।
NCRB Crime Report: भारत में अपराध से जुड़े प्रमुख आंकड़े:
NCRB ने ‘भारत में अपराध – 2022’ रिपोर्ट जारी कर दी है। हर राज्य से क्राइम के ताजा आंकड़े NCRB को भेजे जाते है।
भारत में हर घंटे तीन से अधिक लोगों की हत्या हो रही है। हत्या, अपहरण जैसे अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह खुलासा NCRB की एक रिपोर्ट में किया गया है और इसमें दिल्ली का क्राइम रेट सबसे ज्यादा रहा है। इसके बाद केरल, हरियाणा, गुजरात और तमिलनाडु का नंबर आता है।
NCRB रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4.45 लाख मामले दर्ज हुए जो 2021 से 4% ज्यादा है।
बच्चों के खिलाफ अपराध के आंकड़े भी रफ्तार से बढ़ रहें हैं। 2021 के मुकाबले 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध 8.7% बढ़ गए है।

मानव तस्करी के 74 मामले थे और 511 बच्चे तस्करी के शिकार थे। कुल मिलाकर, बच्चों के खिलाफ अपराध 2021 की तुलना में पिछले साल से बढ़े हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के मामले पिछले साल बढ़े, 2021 में 1,167 के मुकाबले 1,315 मामले दर्ज किए गए है।
2022 में कुल 53.9 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया। 43.7 लाख आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई। 10.5 लाख को दोषी ठहराया गया, 9.81 लाख को बरी कर दिया गया।
NCRB रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में 29,272 और 2020 में 29,193 लोगों को मौत के घाट उतारा गया था।
5 राज्यों में हत्या के 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज

पिछले साल उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 3,491 FIR की गईं। उसके बाद बिहार में 2,930, महाराष्ट्र में 2,295, मध्य प्रदेश में 1,978 और राजस्थान में 1,834 मामले दर्ज हुए। इन शीर्ष पांच राज्यों में हत्या के 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
NCRB के अनुसार, 2022 में सबसे कम हत्या के मामले वाले राज्य

हत्याओं के पीछे का कारण:
NCRB रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 9,962 से अधिक हत्याओं के मामलों से साफ था कि लोग विवाद के चलते सबसे ज्यादा जान ले रहे हैं।
महाराष्ट्र में विवादों के सबसे अधिक 1,130 मामले दर्ज किए गए।
इसके बाद तमिलनाडु में 1,045, बिहार में 980, मध्य प्रदेश में 726 और उत्तर प्रदेश में 710 मामले सामने आए हैं।
हत्या के मामले में दूसरा सबसे बड़ा कारण है निजी रंजिश या फिर आपसी दुश्मनी।
पिछले साल ऐसे 3,761 मामले दर्ज किए गए थे। बिहार (804), मध्य प्रदेश (364) और कर्नाटक (353) इस सूची में सबसे ऊपर हैं।
NCRB के आंकड़ों के अनुसार, दहेज, जादू-टोना, बच्चे/मानव तस्करी, सांप्रदायिक/धार्मिक कारण, जातिवाद का कारण, राजनीतिक कारण, ऑनर किलिंग और प्रेम संबंध आदि कारण भी शामिल है।
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