राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने एक टीवी प्रोग्राम के दौरान मंगलवार को संकेत दिए हैं कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों का गठबंधन होना मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि एनडीए को सत्ता से बाहर लाने के लिए गैर-भाजपाई पार्टियों को एक मंच पर लाने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं।
पवार ने कहा कि अगर मोदी सरकार सत्ता से बाहर होती है, तो सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली विपक्षी पार्टी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर सकती है। हालांकि, हर राज्य में राजनीतिक हालात अलग हैं और ऐसे में मुझे नहीं लगता कि चुनाव से पहले कोई गठबंधन संभव है। मैं कई पार्टियों से बात कर रहा हूं, ताकि उन्हें एक प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके।
शरद पवार का मानना है कि 2019 में केंद्र और महाराष्ट्र की सत्ता में बदलाव आएगा। उनका कहना है कि जिनके हाथों में आज सत्ता है, वे सत्ता में नहीं रहेंगे। पवार ने कहा, ‘2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी सत्ता से हटेगी, लेकिन किसी भी पार्टी या गठबंधन को लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं होगा।उन्होंने ये भी कहा कि मुझे ये भी नहीं लगता कि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी प्रधानमंत्री होंगे।
पवार के मुताबिक, अभी देश के हालात 2004 जैसे हैं। किसी ने नहीं सोचा था कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उन्होंने 10 साल तक स्थिर सरकार दी। अटलजी का कद भाजपा और देश में मोदी से कहीं बड़ा था। इसके बावजूद बदलाव हुआ। राजनीति में कभी जगह खाली नहीं रहती। मुझे लगता है कि आगे भी विकल्प मौजूद रहेगा। 2004 में जो स्थिति थी वैसी ही स्थिति 2019 में भी होगी।’
राम मंदिर के मुद्दे पर शरद पवार ने कि यह मुद्दा तब उछला, जब विकास का मुद्दा विफल हो गया। राफेल डील में शक की गुंजाइश है। ऐसे में इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराई जानी चाहिए।
यही नहीं पवार प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने से भी नहूं चूके। उन्होंने कहा कि मोदी का व्यक्तित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नहीं है। मोदी ने दिखाया है कि भाजपा में एक मजबूत नेता है, लेकिन वह देश के लिए एक सफल नेता नहीं हैं। वह मन की बात करते हैं पर जन की बात नही सुनते।