एनसीईआरटी की किताबों में अक्सर कंटेंट को लेकर बवाल होता ही रहता है।इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। 12 वीं की किताबों में गुजरात दंगे को मुस्लिम विरोधी दंगा नहीं बता कर अब सिर्फ ‘गुजरात दंगा‘ ही कहा जायेगा। आपको बता दें कि गुजरात दंगे को आजाद भारत का सबसे बड़ा दंगा कहा जाता है।आज तक तमाम जगह इसे मुस्लिम विरोधी दंगा ही कहा जाता रहा है और किताबों में लिखा भी यही गया है।
आपको बता दें कि इस किताब में ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिन्स इंडिपेंडेन्स’ नाम का एक चैप्टर है , जिसमें गुजरात दंगों को एंटी मुस्लिम रॉयट्स का नाम दिया गया है। इसमें बताया गया कि साल 2002 के फरवरी में गुजरात में दंगे हुए थे , जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान गई थी। इस दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।इस चैप्टर में यह भी बताया गया है कि गुजरात दंगे पर मानवाधिकार आयोग ने भी गुजरात सरकार और मोदी का विरोध किया था। इस दंगे में कथित तौर पर 800 मुस्लिम और करीब 250 हिंदुओं की जान चली गई थी।
दरअसल यह फैसला 2007 में यूपीए के शासनकाल में ही ले लिया गया था| पर अब इस फैसले को क्रियान्वित किया जायेगा। गौरतलब है कि एनसीईआरटी की किताब में बदलाव का फैसला पाठ्यक्रम समीक्षा समिति की बैठक के बाद लिया गया है। इसके रिव्यू मीटिंग में बड़े अधिकारियों समेत कई प्राईवेट स्कूलों के शिक्षक भी मौजूद थे। मोदी सरकार की ओर से एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव पर विपक्ष उनका लगातार विरोध करता आ रहा है और अब इस फैसले के बाद बवाल और बढ़ने के आसार हैं।
एनसीईआरटी के अधिकारियों के अनुसार उन्होंने सीबीएसई की ओर से उठाए गए प्वाइंट्स को मान लिया है। इन बदलावों को साल के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं एनसीईआरटी और भी किताबों को लेकर कंटेंट रिव्यू कर रहा है।