पुणे की अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपियों ने करीब आठ साल पहले कार में वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने नयना की लाश जंगल से बरामद की थी।
खबरों के मुताबिक, आरोपियों ने इस तरह की घटना को पहली बार अंजाम नहीं दिया था। नयना के साथ दुष्कर्म से तीन महीने पहले भी तीनों ने मिलकर एक 22 साल की लड़की का बलात्कार किया था। लेकिन नयना के मामले में चार लोग दोषी थे।
जिनमें से एक आरोपी सरकारी गवाह बनकर बरी हो गया। आरोपियों की सजा का एलान मंगलवार को किया गया। जिन तीन लोगों को सजा दी गई है उसमें योगेश राउत, महेश ठाकुर और विश्वास कदम का नाम शामिल है।
जज एल एल येणकर ने कहा कि सुनवाई के दौरान आरोपियों को सरकारी वकील द्वारा लगाए गए छह आरोपों में दोषी पाया गया। यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की श्रेणी में आता है। सभी आरोपी फांसी की सजा के हकदार हैं।
कैब ड्राइवर योगेश राऊत ने लिफ्ट देने के बहाने नयना का 8 अक्टूबर 2009 को किडनैप किया था। योगेश ने तीन दोस्तों राजेश पांडुरंग चौधरी, महेश बालासाहेब ठाकुर और विश्वास हिंदुराव कदम को बुलाया। चारों ने मिलकर नयना के साथ सामूहिक बलात्कार किया। बाद में गला घोंटकर हत्या कर दी और शव जंगल में फेंक दिया था।