हम ने हमेशा से ही धर्म को मानवता पर जीत हासिल करते हुए देखी होगी। लेकिन मुजफ्फरनगर के मुस्लिम समुदाय ने एक ऐसी मिसाल पेश की जो दूसरों के लिए एक सीख साबित होगी। उनके इस कार्य के कारण इस बार मानवता धर्म पर हावी रही। दरअसल, प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में संधावली पुल के बीच में आ रही मस्जिद और मदरसे को हटाने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुशी-खुशी इजाजत दे दी। इस पुल के न होने के कारण अब तक सड़क हादसों के वजह से सैकड़ो लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में आखिरकार  सात साल में 70 से अधिक परिवारों के घरों के चिराग बुझ़ाने वाले खूनी संधावली पुल पर शुक्रवार से निर्माण कार्य शुरू हो गया।

इसके साथ ही हाईवे निर्माण में बड़ी बाधा दूर हो गई है क्योंकि धार्मिक स्थल होने के कारण पुल का निर्माण बीच में रोक दिया गया था। खबरों के मुताबिक, पिछले 8 सालों में जिले में पुल का निर्माण ना होने के कराण ट्रैफिक के हालात खस्ता थे। रास्ते में पुल ना होने के कारण स्थानीय लोगों को ना सिर्फ काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था बल्कि कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। स्थानीय और सरकारी लोगों के मुताबिक पुल ने होने के कारण सड़क हादसे में अबतक करीब सैक़ड़ों लोगों की मौत हो चुकी थी।

शुरूआत में मुस्लिम समुदाय धार्मिक स्थल तोड़ने को तैयार नहीं थे लेकिन बाद में इंसानी जिंदगी को अहम् मानते हुए वो मस्जिद तोड़वाने को राजी हो गए। प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की इस कदम का प्रोत्साहन करने के लिए मस्जिद के बैंक खाते में 49 लाख रुपये जमा किए गए हैं, ताकि किसी अन्य स्थान पर मदरसे और मस्जिद का निर्माण कराया जा सके।  सांसद संजीव बालियान का भी कहना है कि सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में मस्जिद व मदरसे को हटवाया गया है।

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