कब, कहां, कौन सी दरिंदगी की खबर आ जाए पता नहीं चलता। मानवता की सीख देने वाली मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी में न जानें कितने महीनों से क्या-क्या घट रहा था इससे पूरा देश अंजान था। खबरों के मुताबिक, सेवा व त्याग की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा ने जिन संस्थाओं को मानवता की सेवा के लिए खड़ा किया था उनमें से कुछ बच्चों की खरीद-फरोख्त व धर्मातरण जैसे कार्यो में संलिप्त हो गए हैं। रांची में ईस्ट जेल रोड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित ‘निर्मल हृदय’ से बच्चों की बिक्री का मामला अब देशव्यापी मानव तस्करी का पर्दाफाश कर रहा है।
देश के कई राज्यों से बच्चों को भेजने और बेचने की बात सामने आ रही है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल मुख्य हैं। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ), पुलिस तथा अन्य अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि निर्मल हृदय में रहीं पीड़िताओं से जन्मे और शिशु भवन में रखे गए 280 बच्चों का कोई अता-पता नहीं है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि एक बच्चे के एवज में करीब 1.20 लाख रुपए लिए गए थे।
पुलिस ने बताया कि अब तक संस्था की ओर से रांची के कांटाटोली, मोरहाबादी, सिमडेगा और यूपी में बच्चे को बेचा जा चुका है। इस एवज में खरीदारों से अच्छी रकम भी ली गई है। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि एक अविवाहित मां मिशनरी ऑफ चैरिटी संस्था के संरक्षण में रहती थी। उच्चस्तरीय जांच टीम में हर जिले के सीडब्लूसी सदस्य, जिले के डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन अफसर, सोशल वेलफेयर एक्टिविस्ट, एसपी सीआईडी, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी और जिले की महिला थानेदार को शामिल करने की सिफारिश की गई है।