मोदी सरकार जमीन से होते हुए अब आसमान में पहुंचने की तैयारी कर रही है। जी हां, तेज रफ्तार की बुलेट ट्रेन परियोजना के बाद अब मोदी सरकार सी-प्लेन लाने की योजना बना रही है। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में सी प्लेन के लिए वॉटर एयरोड्रम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे देश में एम्फीबियन विमानों (पानी और जमीन दोनों से उड़ान भरने में सक्षम) का बाजार तेजी से बढ़ेगा। पहले फेज में 3 जगहों को चयनित किया गया। इनमें ओडिशा की चिल्का झील और गुजरात में सरदार सरोवर बांध और साबरमती नदी शामिल हैं। बता दें कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस संबंध में इस साल जून में नियमन जारी किया था, जिसमें जलाशयों में बने एयरोड्रम के लाइसेंस की जरूरतों एवं प्रक्रियाओं का जिक्र किया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंजूरी दी है। सी प्लेन पहली बार 2017 में देखा गया था जब पीएम मोदी अहमदाबाद में साबरममी नदी पर इससे उड़ान भरी थी। इसके बाद मोदी सरकार ने इसके विस्तार को आगे बढ़ाने की सोची। सरकार शुरुआत में पर्यटन व धार्मिक महत्व वाले स्थानों के आसपास स्थित जलाशयों, नदियों आदि पर वाटर एयरोड्रम बनाएगी।
सी-प्लेन की खासियतों की बात करें तो यह जमीन-पानी दोनों से उड़ान भर सकता है। सी प्लेन को पानी और जमीन पर लैंड कराया जा सकता है। यह महज 300 मीटर के रनवे से उड़ान भर सकता है। 300 मीटर की लंबाई वाले जलाशय का इस्तेमाल हवाई-पट्टी के रूप में संभव है। नागर विमानन मंत्रालय ने देश में जलाशयों में एयरोड्रम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सुरेश प्रभु ने ट्वीट करके बताया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में वॉटर एयरोड्रम बनाने की मंजूरी दे दी गई। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोगों की कनेक्टिविटी भी अच्छी होगी।”
In-principle approval has been given for the construction of Water Aerodromes in various states across the country. This move will promote tourism as well as connect places of religious importance. (1/n)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 11, 2018
खबरों के मुताबिक, स्पाइसजेट देश में एंफीबियन विमानों को उड़ाएगी। जापान की सेटॉची होल्डिंग्स से कोडियेक क्वेस्ट विमानों का सौदा हो चुका है। यह एक घंटे में 250 किमी की दूरी तय कर सकता है। भारत में स्पाइसजेट जल्द ही DGCA से सी प्लेन उड़ाने के लिए मंज़ूरी लेगी। माना जा रहा है कि मंजूरी के बाद सी प्लेन सेवा शुरू हो जाएगी।