केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और मंत्रियों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाने पर असहमति जताने को लेकर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की तीखी आलोचना की है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा,“वास्तव में, मल्लिकार्जुन खड़गे अद्भुत व्यक्तित्व के स्वामी हैं। जब चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया, तो उन्होंने असहमति जतायी। अब, जब वर्मा को उसी चयन समिति ने हटा दिया है, तो उन्होंने उस पर भी असहमति जतायी है।”
Indeed, Mr. Mallikarjun Kharge is a man of amazing consistency.
When Shri Alok Verma was appointed CBI chief by the selection committee, he dissented.
Now, when Shri Alok Verma has been removed by the same Selection Committee, he has dissented.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 10, 2019
भाजपा के एक अन्य नेता एवं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी वर्मा की नियुक्ति और उन्हें पद से हटाये जाने, दोनों ही मौकों पर खड़गे की ओर से असहमति जताने के लिए उनकी तीखी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया,“ वर्मा की सीबीआई प्रमुख के तौर पर नियुक्ति और हटाये जाने दोनों ही परिस्थितयों में विरोध से साबित होता है कि कांग्रेस दिमाग का इस्तेमाल किये बिना के किसी भी चीज का विरोध करती है। कुछ समय तो अपनी ही विश्वसनीयता की कीमत पर।”
Shri Mallikarjun Kharge’s dissent notices, for both appointment and removal of Shri Alok Verma as CBI chief, are proof that @INCIndia will mindlessly oppose anything. Sometimes at the cost of their own credibility.
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) January 10, 2019
देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भ्रष्टाचार और ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में इसके प्रमुख वर्मा को गुरुवार को पद से हटा दिया गया। सरकार ने उच्चतम न्यायालय द्वारा दो दिन पूर्व बहाल किये गये वर्मा को उनके पद से हटाकर अग्नि शमन सेवा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बना दिया है।
ये भी पढ़े :BREAKING NEWS : सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को फिर हटाया गया
गौरतलब है कि खड़गे ने 20 जनवरी 2017 को वर्मा की सीबीआई के महानिदेशक के पद पर नियुक्ति का यह कहते हुए विरोध किया था कि उन्हें जांच एजेंसी में काम का अनुभव नहीं है। उन्होंने सरकार से दूसरे अधिकारी रूपक कुमार दत्ता के नाम पर विचार करने का अनुरोध किया था जो उस समय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव थे। अब वह वर्मा को इस पद से हटाये जाने का विरोध कर रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता खड़गे तथा उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी की यहां बैठक हुई, जिसमें वर्मा को निदेशक के पद से हटाने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय 2:1 के बहुमत के आधार पर किया गया। मोदी और न्यायमूर्ति सिकरी जहां वर्मा को हटाने के पक्ष में थे, वहीं खडगे ने इसका विरोध किया और अंतत: बहुमत के फैसले के आधार पर वर्मा को हटाने का निर्णय लिया गया।
By removing #AlokVerma from his position without giving him the chance to present his case, PM Modi has shown once again that he’s too afraid of an investigation, either by an independent CBI director or by Parliament via JPC.
— Congress (@INCIndia) January 10, 2019