इस बार धर्म नगरी उज्जैन में मकर संक्राति का रंग कुछ फीका-फीका नजर आएगा। इस दिन उज्जैन का आसमां रंग-बिरंगे पतंगों से रंगीन नहीं नजर आएगा क्योंकि उज्जैन के जिला प्रशासन ने चीनी धागे के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि इन धागों में अत्यधिक खतरनाक अवयवों का इस्तेमाल होता है, जो राहगीरों व पशु-पक्षियों के लिए घातक है।
उज्जैन के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बुधवार को यह आधिकारिक आदेश जारी किया। इस शासनादेश में आम लोगों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी नागरिक, व्यापारी और संस्था चीनी धागे का क्रय-विक्रय नहीं करेगी। इसके अलावा चीनी धागों का भंडारण और मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी में इसके उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आपको बता दें कि उज्जैन जिले में मकर संक्रान्ति पर्व के अवसर पर बड़े पैमाने पर पतंगबाजी की जाती है। हालांकि इसमें चीनी धागों का प्रयोग भी बड़ी मात्रा में होता है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इसके अलावा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भी नायलॉन और अन्य सिंथेटिक पदार्थों से बने मांझे पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी के हरित पैनल ने इसे पक्षियों, पशुओं और इंसानों के लिए खतरनाक बताया क्योंकि इन धागों का रासायनिक विघटन जैविक तरीके से संभव नहीं है।
एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी राज्य सरकारों को पतंग उड़ाने में इस्तेमाल में लाए जाने वाले सिंथेटिक मांझा या नायलॉन के धागों के विनिर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद और इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया। हरित पैनल ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध का आदेश नायलॉन, चाइनीज और सीसायुक्त सूती मांझे पर भी लागू होगा।