मध्य प्रदेश में यूरिया खाद के बाद अब आने वाले दिनों में बिजली की किल्लत का अंदेशा जताया जा रहा है। प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों को चलाने के लिए सिर्फ एक से दो दिन का कोयला बचा है। ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली संकट खड़ा होने के आसार बन गए हैं।
वहीं कांग्रेस की सरकार इसके पीछे ने केंद्र सरकार पर भेदभाव की राजनीति का आरोप लगा रही है। तो बीजेपी इसके पीछे कांग्रेस सरकार की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़े कर रही है।
गौरतलब है कि रबी सीजन में बिजली की मांग तेरह हजार मेगावाट के आसपास आ रही है। इसी लगातार आपूर्ति का दावा भी बिजली कंपनियां कर रही हैं लेकिन यदि थर्मल पावर प्लांटों को कोयला नहीं मिला तो तय है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में बड़ा बिजली संकट खड़ा हो जाएगा।
मध्य प्रदेश में कोयला भंडारण पर नजर डाले तो, अमरकंटक पावर प्लांट इस समय 49,580 मीट्रिक टन कोयला शेष है। इसके अलावा सतपुड़ा पावर प्लांट 22,706 मीट्रिक टन कोयला बचा है। वहीं, बिरसिंहपुर पावर प्लांट में 24,940 मीट्रिक टन कोयला बाकि है।
साथ ही, सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में 30,855 मीट्रिक टन कोयला बचा हुआ है, जिसका इस्तेमाल आगामी एक से दो दिनो तक बिजली उत्पादन में किया जा सकता है।