बीते महीने ट्रैफिक नियम तोड़ने के चलते बीजेपी नेता को सबक सिखाने वाली सीओ श्रेष्ठा ठाकुर का शनिवार के बुलंदशहर से बहराइच तबादला कर दिया गया है। बता दें कि 23 जून को स्याना में चेकिंग के दौरान सीओ श्रेष्ठा ने बीजेपी जिला पंचायत सदस्य प्रमोद लोधी का ट्रैफिक चलान काटा था। चलान काटने के कारण बीजेपी नेता देवेन्द्र लोधी की पुलिस अधिकारियों के साथ झड़प हो गई थी। जिसके बाद श्रेष्ठा ने पांच बीजेपी नेताओं को पुलिस कार्यवाही में दखल देने और पुलिस अधिकारी से बदतमीजी करने के आरोप में जेल भेज दिया था, इसके बाद से वह सोशल मीडिया पर ‘लेडी सिंघम’ के नाम से जानी जा रही थी।
इन दिनों श्रेष्ठा का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था। वीडियो में महिला सीओ बीजेपी नेता को यह बताती दिख रही हैं, कि “कानून सबसे बढ़कर है, उससे ऊपर कोई नहीं।“ अगर कोई भी नियम तोड़ेगा तो उसके खिलाफ एक जैसी कार्रवाई होगी। इस वीडियों को यूजर्सकर्ताओं द्वारा बढ़ चढ़कर शेयर भी किया जा रहा था। लेकिन श्रेष्ठा के इस ईमानदारी का पुरस्कार योगी सरकार द्वारा उनका ट्रांसफर कर दिया गया। श्रेष्ठा के हुए इस ट्रांसफर को क्या समझा जाए? क्या ऐसे ही यूपी की कानून व्यवस्था सुदृढ़ होगी? या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले पक्ष-विपक्ष व आम आदमी के साथ सरकार खड़ी होगी। अन्यथा यह अंदाजा लगाना चाहिए कि क्या योगी सरकार पूर्व सपा सरकार के नक्शे कदमों पर चलना शुरु कर दिया। इस ट्रांसफर के साथ सवाल कई है लेकिन जवाब एक भी नहीं हालांकि अधिकारी इसे रुटीन प्रक्रिया बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। सीओ श्रेष्ठा के साथ शासन ने जिले से चार अन्य सीओ के तबादले भी किए हैं। सीओ सिटी प्रीति का बुलंदशहर से हरदोई, चंद्रधर गौड़ का खुर्जा से मथुरा, जबकि अभी स्थानांतरित होकर आए सीओ दिनेश कुमार को बहराइच व वंदना शर्मा का बुलंदशहर से गोरखपुर तबादला किया गया है।
उधर, सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने अपने तबादले को लेकर फेसबुक पेज पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा- जहां भी जाएगा,रोशनी लुटाएगा। किसी चराग का अपना मकां नहीं होता।