अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव मामले में भारत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पैरवी कर रहे हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि हरीश साल्वे ने इस केस के लिए सिर्फ एक रुपये की फीस ली है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके दी। सुषमा ने ट्वीट में लिखा, ‘ठीक नहीं है.. हरीश साल्वे ने इस मामले में अपनी फीस के तौर पर हमसे एक रूपये लिए हैं।’ उनका ट्वीट संजीव गोयल नामक एक व्यक्ति के ट्वीट के जवाब में आया है। गोयल ने सवाल किया था कि क्या भारत साल्वे से कम फीस लेने वाला कोई अच्छा वकील नहीं कर सकता था।
Not fair. #HarishSalve has charged us Rs.1/- as his fee for this case. https://t.co/Eyl3vQScrs
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 15, 2017
फीस का यह मुद्दा उस समय उठ गया जब जानेमाने फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने एक ट्वीट कर कहा कि, ‘भगवान का शुक्र है, यह हरीश साल्वे थे इंटरनेश्नल कोर्ट ऑफ जस्टिस में और सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल नहीं। धन्यवाद।’
Thank God it was #HarishSalve & not #SalmanKhurshid & #KapilSibal at the International Court of Justice. Thanks!
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) May 9, 2017
कौन हैं हरीश साल्वे?
हरीश साल्वे मूल रूप से नागपुर के रहने वाले हैं लेकिन पिछले कई सालों से दिल्ली में रह रहें हैं। साल्वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल भी हैं। उन्होंने सोली सोराबजी की देखरेख में 1976 में लॉ की प्रैक्टिस शुरू की थी। उनके पिता एन.के.पी साल्वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं।
साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने हरीश साल्वे को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ का पद दिया था और 1999 में सॉलिसिटर जनरल बनाया था। लेकिन जब सरकार ने 2002 में उन्हें लगातार दूसरी बार के लिए यह पद ऑफर किया तो उन्होंने मना कर दिया।