खट्टर सरकार को अपने उस फैसले से यू टर्न लेना पड़ा है जिसमें राज्य के खिलाड़ियों को मिलने वाली पुरस्कार राशि और विज्ञापनों से मिलने वाले पैसों का एक-तिहाई हिस्सा हरियाणा खेल परिषद को देने के लिए कहा गया था। इस अजीबोगरीब आदेश के पीछे सरकार ने तर्क दिया था, कि इन पैसों का इस्तेमाल राज्य में खेल के विकास पर खर्च होगा। लेकिन अपने इस आदेश के बाद खट्टर सरकार को चारों ओर से कड़ी निंदा का सामना करना पड़ रहा था। जिसके बाद  हरियाणा सरकार ने अगला आदेश आने तक इस फैसले पर रोक लगा दी है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को एक ट्विट के जरिए दी।

मुख्यमंत्री खट्टर ने ट्विट में लिखा, ‘मैंने खेल विभाग से इस संबंध में सभी फाइलें और जानकारी मांगी है और अगले आदेश तक 30 अप्रैल को जारी की गई अधिसूचना को रोक दिया गया है। हमें अपने खिलाड़ियों के अतुलनीय योगदान पर गर्व है।

Khattar government withdraws order seeking 33% share of players' earnings

उनके इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया जताते हुए कुश्ती में मेडलिस्ट रहे योगेश्वर दत्त ने कहा, कि ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर-पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे हैं।

वहीं दंगल गर्ल गीता फोगाट ने नाराजगी जताते हुए कहा, कि खेलों ओर खिलाड़ियों को धीरे-धीरे ख़त्म करने की नीति वाली सरकार पहली बार देख रहे हैं।

खट्टर सरकार पर तंज कसते हुए कांग्रेस के लोकसभा सांसद ने कहा, कि “दम-तोड़ किसान, अपमानित जवान, हाथ-जोड़ पहलवान और बेरोजगार नौजवान” इसे बोलते हैं ‘सबका साथ, सबका विकास’।

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