कर्नाटक चुनाव के दिन नजदीक हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने ‘आरोप-प्रत्यारोपों’ को लेकर चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। लेकिन इसके बाद कुछ और राज्यों में भी चुनाव होने हैं जिसके लिए पार्टियां अभी से अपने आप को तैयार करने में जुट गई हैं। इसमें मध्य प्रदेश का चुनाव सबसे अहम् माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी की नींव यहां काफी मजबूत है। शिवराज सिंह चौहान के विकास की बयार को देखा जाए तो प्रदेश में काफी काम हुए हैं। हालांकि वर्तमान समय में जनता का रुख किस तरफ होगा ये तो आने वाला चुनाव ही बता पाएगा। हालांकि कांग्रेस ने अपनी टीम को तैयार कर लिया है। कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिग्गज नेता कमलनाथ को मध्यप्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनाया गया है।
खबरों के मुताबिक, 29 अप्रैल की जनाक्रोश रैली से पहले कई राज्यों में इस प्रकार के बदलाव देखने के मिल सकते हैं। पार्टी महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी एक चिट्ठी में बताया गया है कि कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ के पास इस समय हरियाणा और पंजाब का कार्यभार है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की ताजपोशी के साथ ही राज्य में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं। बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जीतू पटवारी और सुरेंद्र चौधी को यह जवाबदारी सौंपी गई हैं।
पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का कार्यकाल इसके साथ ही समाप्त हो गया। पार्टी ने अपने पत्र में अरुण यादव के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में किये गये कामकाज की तारीफ की है। सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनवाने में दिग्विजय सिंह की बड़ी भूमिका रही है। दिग्विजय सिंह की सिंधिया से अदावत रही है और उन्होंने राहुल गांधी के सामने एक तरह से ज्योतिरादित्य को अध्यक्ष बनाने पर वीटो कर दिया था।