जम्मू कश्मीर में महहूबा मुफ्ती से गठबंधन तोड़ने के बाद बीजेपी अब वहां एनएन वोहरा की जगह नये राज्यपाल को देखना चाहती है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार अमरनाथ यात्रा के बाद जम्मू-कश्मीर में नये राज्यपाल की नियुक्ति कर सकता है । केंद्र सरकार अमरनाथ यात्रा के संचालन में वोहरा के अनुभवों को ध्यान में रखकर उन्हें तुरंत हटाने के मूड में नहीं है । वोहरा को जून 2008 में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया था । 2013 में उन्हें दोबारा राज्यपाल का कार्यभार सौंपा गया था । वोहरा उन राज्यपालों में से हैं जिन्हें पिछली .पीए की सरकार ने नियुक्त किया था । केंद्र में बीजेपी सरकार आने के तुरंत बाद अटकलें लगाई गई थी कि वोहरा को बदला जाएगा, लेकिन मोदी सरकार ने उन पर भरोसा करते हुए उन्हें पद पर बनाये रखा ।
दरअसल राज्य में बदले राजनीतिक माहौल में अमरनाथ .यात्रा एक बड़ी चुनौती बन गई है । घाटी में बिगड़ी स्थिति के बीच अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले का अंदेशा खुफिया एजेंसियां भी जता चुकी है । खतरे का अलर्ट मिलने के बाद खुद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह नें घाटी का दौरा कर अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया था ।
कौन-कौन हैं राज्यपाल पद की दौड़ में
लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) सैय्यद अता हुसैन
चिनार कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैय्यद अता हुसैन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। हुसैन के बारे में माना जाता है कि वे जम्मू कश्मीर की जनता से सीधे जुड़े रहे हैं । जनरल हुसैन को 2010-2011 में जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सद्भावना के लिए जाना जाता है । इस ऑपरेशन से खश्मीर घाटी में शांति लाने में काफी मदद मिली थी ।
दिनेश्वर शर्मा
जम्मू-कश्मीर में केंद्र के विशेष वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा क नाम भी जम्मू-कश्मीर के नए राज्यपाल के रुप में चर्चा में है । पूर्व खुफिया ब्यूरो (आईबी) प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सभी वर्गों के लोगों से बातचीत करने के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर रखा है। केरल कैडर के 1979-बैच के आईपीएस अधिकारी शर्मा हैं दिसंबर 2014 से दो साल तक आईबी के निदेशक रहे । दिनेश्वर शर्मा वर्तमान सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेहद करीबी माने जाते हैं।
राजीव महर्षि
राजीव महर्षि, 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं । अफसरशाह के तौर पर राजीव महर्षि चालीस साल तक सरकार को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इन्हें भी जम्मू-कश्मीर के भावी राज्यपाल के रुप में देखा जा रहा है ।महर्षि वर्तमान में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के अध्यक्ष हैं।
ए एस दुलत
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत हमेशा से कहते आ रहे थे कि पीडीपी और बीजेपी गठबंधन 2018 से आगे नहीं टिकेगा। दुलत को भी अगले राज्यपाल के तौर पर देखा जा रहा है । प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय दुलत को आईबी के स्पेशल डायरेक्टर के रुप में कश्मीर में तैनात किया गया था । उऩके पास कस्मीर को लेकर अच्छा अनुभव है।